भारत ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर US रिपोर्ट को किया खारिज, कहा- ये गलत सूचना और समझ पर आधारित
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का बयान अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की 2022 की रिपोर्ट के जवाब में आया है. इसमें मुसलमानों के खिलाफ मनमानी का आरोप लगाया गया था.
भारत में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग ने एक रिपोर्ट जारी किया था और आरोप लगाए थे. वहीं अब भारत ने रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि यह गलत सूचना और समझ पर आधारित है. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ‘हम अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की 2022 रिपोर्ट जारी होने से अवगत हैं. अफसोस की बात यह है कि इस तरह की खबरें गलत सूचना पर आधारित होती रहती हैं.
उन्होंने आगे कहा कि रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों की तरफ से प्रेरित और पक्षपाती टिप्पणी की गई है, जिससे इन रिपोर्टों की विश्वसनीयता कम होती है. प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम अपने साथ अमेरिका की साझेदारी को महत्व देते हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी मुद्दों पर अमेरिका के साथ खुलकर आदान-प्रदान करना जारी रखेंगे.
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मुसलमानों के खिलाफ मनमानी का आरोप
दरअसल यह भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का बयान अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की 2022 की रिपोर्ट के जवाब में आया है, जहां इसने भारत में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अल्पसंख्यकों विशेष रूप से मुसलमानों के खिलाफ मनमानी का आरोप लगाया था.
इन समुदायों को बना रहे निशाना
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि रिपोर्ट में भारत को लेकर जो जानकारी है वो दुख देने वाली हैं. अधिकारी ने दावा किया कि भारत में मुस्लिमों, ईसाइयों, सिखों, हिंदू दलितों और अन्य समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है.
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200 देशों में धार्मिक स्वतंत्रता की रिपोर्ट
जानकारी के अनुसार अमेरिकी विदेश विभाग की इस रिपोर्ट में दुनिया के 200 देशों और क्षेत्रों में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर जानकारी जुटाई गई है. दावा है कि इसमें दर्ज जानकारियां तथ्यों पर आधारित हैं. हालांकि भारत ने अमेरिका के इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है.