भाग्य रेखा की लंबाई और बनावट से मालूम होता है व्यक्ति जीवन में कितना होगा सफल और धनवान

भाग्य रेखा की लंबाई और बनावट से मालूम होता है व्यक्ति जीवन में कितना होगा सफल और धनवान

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली पर कई तरह की रेखाएं भी बहुत महत्व रखती है. इनसे भी व्यक्ति के भाग्य के बारे में पता चलता है. आइए जानें भाग्यरेखा की बनावट से व्यक्ति को कितना भाग्य का साथ मिलता है.

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली पर कई तरह की रेखाएं बनती है जिससे व्यक्ति के भाग्य,स्वभाव और उसके जीवन के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मालूम होती हैं. हथेली पर भाग्य रेखा का विशेष महत्व होता है. जिन व्यक्तियों की हथेली में भाग्य रेखा मजबूत होती है उनके जीवन में उन्हें भाग्य का अच्छा साथ मिलता है. जीवन में सुख-समृद्धि और एशोआराम की कोई कमी नहीं होती है. किसी व्यक्ति के हथेली में भाग्य रेखा एकदम स्पष्ट और सीधी बनती है तो किसी के छोटी और कटी-फटी हुई होती है. इसका भी खास महत्व होता है.

भाग्य रेखा कहां से शुरू होती है और कहां जा कर मिलती है इसका भी विशेष महत्व होता है. आइए जानते हैं कि भाग्यरेखा की बनावट से व्यक्ति को कितना भाग्य का साथ मिलता है और कितना नहीं.

हथेली में भाग्य रेखा यहां होती है

हस्तरेखा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाग्य रेखा व्यक्ति की हथेली के मणिबंध यानी जहां से हथेली शुरू होती है वहां से कोई सीधी रेखा चलते हुए सीधे शनि पर्वत पर आकर मिलती है तो भाग्य रेखा कहते हैं. भाग्य रेखा को शनि रेख के नाम से भी जाना जाता है. हर लोगों की हथेली पर भाग्य रेखा अलग-अलग होती है. कई लोगों की भाग्यरेखा एकदम सीधी होकर शनि पर्वत पर मिलती है. कुछ की भाग्य रेखा बीच में आकर खत्म हो जाती है तो कुछ भाग्यरेख सीधे शनि पर्वत पर न जाकर इधर-उधर मुड़ जाती है. वहीं कुछ लोगों के एक से ज्यादा भाग्यरेखाएं होती हैं.

गुरु पर्वत पर भाग्यरेखा के मिलने का मतलब

हस्तरेखा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भाग्यरेखा मणिबंध से निकलते हुए सीधे शनि पर्वत में जाकर सीधे गुरु पर्वत पर मिले तो यह बहुत ही शुभ होता है. इससे आदमी बहुत ही ज्ञानी, शांत और गंभीर स्वभाव का होता है. ये भाग्य रेखा जब गुरु पर्वत पर मिले और रेखा एकदम साफ हो तो व्यक्ति अपने जीवन में बहुत सारा धन अर्जित करता है. व्यक्कि का मान-सम्मान हर एक जगह होता है.

जब भाग्यरेखा सीधे शनि पर्वत पर मिले

जिन व्यक्तियों की हथेली में भाग्य रेखा बिना कटे हुए, गहरी और एकदम स्पष्ट होते हुए सीधे मणिबंध से निकलते हुए शनि पर्वत पर जाकर मिले तो व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली और धनवान बनता है. इस तरह के व्यक्ति अपने जीवन में भाग्य का साथ हमेशा अच्छा मिलने से सफलता प्राप्त करते हैं. जीवन में उन्हें ज्यादा कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ता है.

उन्नति भाग्य रेखा

जब भाग्यरेखा चंद्र पर्वत यानी अंगूठे के दूसरी तरफ से शुरू होकर सीधी और साफ तरीके से गुरु पर्वत पर जा कर मिले तो व्यक्ति अपने जीवन में काफी उन्नति और सफलता प्राप्त करता है. इस तरह की भाग्यरेखा वाला व्यक्ति को महिला का अच्छा साथ और सहयोग मिलता है. ऐसे लोग कम संसाधनों के बावजूद अपने क्षेत्र में अच्छी सफलता को प्राप्त करता है.

जब सूर्य और बुध पर्वत पर भाग्य रेखा मिले

किसी व्यक्ति की हथेली में भाग्य रेखा मणिबंध से निकलते हुए सीधे सूर्य पर्वत पर यानी अनामिका ऊंगली पर जाकर मिलती हो ऐसा व्यक्ति सफल राजनेता या प्रशासनिक अधिकारी बनता है. ऐसे लोगों के अंदर नेतृत्व करने की अच्छी क्षमता होती है. वहीं जब भाग्य रेखा निकलकर सीधे बुध पर्वत पर मिले तो व्यक्ति को व्यापार में अच्छी सफलता मिलती है. व्यक्ति अपने बिजनेस से बहुत सारा धन और कामयाबी हासिल करता है.

मंगल पर्वत पर भाग्य रेखा

जब किसी व्यक्ति की हथेली में भाग्य रेखा मणिबंध से निकलते हुए मंगल पर्वत पर जाकर मिले तो व्यक्ति बहुत ही साहसी और कठिन से कठिन निर्णय को बहुत ही आसानी के साथ लेता है. ऐसे लोगों का आत्मविश्वास बहुत ऊंचा होता है और समाज में अपना अच्छा नाम और धन कमाने मे कामयाब रहते हैं.