पहले महाराष्ट्र से उद्योग गए, अब विरासत…छठा ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर आसाम में होने के दावे पर बवाल
देश के 12 शिव ज्योतिर्लिंगों में से छठा ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर पुणे जिले में है. लेकिन हिमंत बिस्वा सरमा की बीजेपी सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर इसे आसाम में दिखाया है. इस पर महाराष्ट्र में विपक्ष आक्रामक हो रहा है.
मुंबई: देश में कुल 12 ज्योतिर्लिंग हैं. इनमें से जो छठा ज्योतिर्लिंग है वो महाराष्ट्र के पुणे जिले के भीमाशंकर का है. लेकिन भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग आसाम सरकार के एक विज्ञापन में आसाम में होने का दावा किया गया है महाशिवरात्रि को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र में अब ज्योतिर्लिंग का यह विवाद तूल पकड़ रहा है. आदित्य ठाकरे और संजय राउत ने सवाल किया है कि बीजेपी के नेताओं ने कुछ ऐसा तय ही कर लिया है क्या कि महाराष्ट्र के हिस्से कुछ रहने ही नहीं देना है?
आदित्य ठाकरे और संजय राउत ने कहा कि पहले राज्य से उद्योग गए, रोजगार गया और अब सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत ले जाने की साजिश रची जा रही है. एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने सवाल किया कि ईडी सरकार शिंदे गुट के विधायकों की फौज गुवाहाटी ले गई. वहां अदृश्य शक्ति के तौर पर आसाम सरकार ने मदद की. इसके बदले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग आसाम में तो नहीं दे आए ना?
क्या है यह पूरा मामला?
आसाम सरकार ने आगामी महाशिवरात्रि को ध्यान में रखते हुए एक विज्ञापन जारी किया है. इस विज्ञापन में लिखा है- छठवां ज्योतिर्लिंग कामरुप डाकिनी पर्वत आसाम में आपका स्वागत है. इसमें जो विविध ज्योतिर्लिंग की सूची दी गई है, उनमें भीमाशंकर के नाम के सामने ‘डाकिनी में स्थित भीमाशंकर’ लिखा है. इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा की तस्वीर दी गई है.
सुप्रिया सुले ने दिया प्रमाण कि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग पुणे में है, ना कि आसाम में
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के महाराष्ट्र में होने के कई प्रमाण हैं. यह कहते हुए सुप्रिया सुले ने लिखा है, ‘श्रीमद् आद्य शंकराचार्य अपने वृहद् रत्नाकर स्रोत में साफ तौर से लिखते हैं कि, भीमा नदी में उद्गम और डाकिनी के जंगल में ही भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग है.इस तरह महाराष्ट्र के पुणे जिले के भीमाशंकर ही 12 ज्योतिर्लिंगों में से छठवां ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है. और कोई नहीं.’
महाराष्ट्र में ठाकरे गुट और एनसीपी के नेताओं ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अपील की है कि वे महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की रक्षा के लिए इस मामले में दखल दें और आसाम के मुख्यमंत्री से बात कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करवाएं.