शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर महाराष्ट्र में हंगामा, आज विपक्ष का जूता मारो आंदोलन
महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ विपक्ष आज को दक्षिण मुंबई में हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक 'जूता मारो आंदोलन' करेगा. छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने माफी मांगी है. ऐसे में महाराष्ट्र में हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं.
26 अगस्त को महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग के मालवन में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा अचानक ढह गई थी. तब से लेकर अब तक ये मामला लगातार गर्माया हुआ है. हालांकि मूर्ति गिरने के केस में दो लोगों पर केस भी दर्ज किया जा चुका है लेकिन विपक्ष लगातार इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है. अब महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ महा विकास अघाड़ी के घटक दल आज सितंबर को दक्षिण मुंबई में हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक ‘जूता मारो आंदोलन’ करेगा.
विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी ने इस पर महाराष्ट्र सरकार की तीखी आलोचना की थी. जहां उद्धव गुट ने पहले राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की थी. वहीं अब ‘जूता मारो आंदोलन’ करने का आह्वान किया है. ऐसे में लग रहा है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में जबरदस्त हंगामा देखने को मिल सकता है. हालांकि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने माफी मांगी है.
चेतन पाटिल को गिरफ्तार
अजित पवार ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस घटना को लेकर मैं 100 बार माफी मांगने को तैयार हूं. शिंदे ने कहा कि वह जल्द ही शिवाजी महाराज की एक बड़ी प्रतिमा बनाएंगे. शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार चेतन पाटिल को गिरफ्तार भी कर लिया है. उसे महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गिरफ्तारी किया गया है.
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सालभर भी नहीं टिक पाई
पिछले साल ही 4 दिसंबर को पीएम मोदी ने 8 महीने पहले शिवाजी महाराज की इस मूर्ति का अनावरण किया था. अभी प्रतिमा को बने सालभर भी नहीं हुआ था कि यह प्रतिमा गिर गई. इस मामले पर न सिर्फ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जनता माफी मांग चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर में संबोधित करते हुए कहा कि छत्रपति महाराज हमारे लिए सिर्फ राजा नहीं बल्कि आराध्य देव हैं. मैं उनके चरणों में गिर कर उनसे माफी मांगता हूं.