शिवाजी की प्रतिमा गिरने के मामले में FIR दर्ज, घेरे में ये दो लोग

शिवाजी की प्रतिमा गिरने के मामले में FIR दर्ज, घेरे में ये दो लोग

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में आठ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मराठा योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा का अनावरण किया था, जो 26 अगस्त अचानक ढह गई थी. अब इस मामले में पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है.

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में लगी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में पुलिस ने FIR दर्ज की है. दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इसमें M/s आर्टिस्ट्री फर्म के मालिक जयदीप आप्टे और संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल को आरोपी बनाया गया है. दोनों की कंपनी को ही शिवाजी महाराज की प्रतिमा बनाने और लगाने का काम दिया गया था.

पुलिस भारतीय न्याय संहिता की धारा 109, 110, 125, 318, 3(5) और धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज की है. आरोपियों की कंपनी को ही शिवाजी महाराज की प्रतिमा बनाने और लगाने का काम दिया गया था, लेकिन जिस तरह से इस मामले में पीडब्ल्यूडी का लेटर सामने आया है उससे एरिया कोस्टल ऑफिसर की भूमिका भी संदिग्ध है. उन्होंने 20 अगस्त को लिखे गए PWD के पत्र पर कोई भूमिका क्यों नहीं ली और समय रहते तत्काल एक्शन लिया गया होता तो ऐसी घटना न होती.

एफआईआर में भी इस बात का जिक्र है कि नियमित जांच के दौरान मूर्ति के नट बोल्ट खराब होने की जानकारी सामने आने के बाद इस बारे में सबंधित अधिकारी को पत्र लिखा गया था और ये भी बताया गया था की इससे लोगों में नाराजगी है.

प्रतिमा के ढहने को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, हवा 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी, जिसकी वजह से प्रतिमा गिर गई. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रतिमा गिर गई क्योंकि इसे नौसेना ने डिजाइन करके बनाया था. हालांकि स्थिति का आकलन करने के लिए संरक्षक मंत्री मौके पर पहुंचे और हम इस प्रतिमा का और भी मजबूती से पुनर्निर्माण करेंगे, नौसेना के अधिकारी भी इसको दोबारा बनाने में शामिल होंगे.

PWD ने दी थी जानकारी

सिंधुदुर्ग के संरक्षक मंत्री चव्हाण ने कहा कि सिंधुदुर्ग में फर्म मेसर्स आर्टिस्ट्री के मालिक जयदीप आप्टे और संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. महाराष्ट्र सरकार ने प्रतिमा की स्थापना के लिए नौसेना को 2.36 करोड़ रुपये का भुगतान किया. हालांकि इसके डिजाइन की पूरी प्रक्रिया नौसेना के अधिकारियों ने की थी. प्रतिमा के निर्माण में इस्तेमाल किए गए स्टील में जंग लगना शुरू हो गया था. PWD ने पहले ही नौसेना के अधिकारियों को लेटर लिखकर प्रतिमा में जंग लगने की जानकारी दी थी और उनसे उचित कदम उठाने की बात भी कही थी.

नौसेना ने क्या कहा?

वहीं नौसेना ने भी प्रतिमा के ढहने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि जांच में शामिल होने के लिए एक टीम तैनात की गई है, जिससे इसकी वजह सामने आ सके. नौसेना ने कहा कि वह जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत कर इसके दोबारा स्थापित करने के लिए कदम उठाएगी. पीएम मोदी ने पिछले साल नौसेना दिवस पर महाराजा की प्रतिमा का अनावरण किया था और समारोह में हिस्सा लिया था. सपा ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला.

जयंत पाटिल ने बोला हमला

इस मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार का घेराव किया एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि सरकार इस पतन के लिए जिम्मेदार है क्योंकि उसने प्रतिमा की उचित देखभाल नहीं की. सरकार ने काम की गुणवत्ता पर बहुत कम ध्यान दिया. उसने केवल एक कार्यक्रम आयोजित करने पर ध्यान केंद्रित किया. जहां पीएम मोदी को प्रतिमा के अनावरण के लिए आमंत्रित किया गया था. महाराष्ट्र सरकार सिर्फ नए टेंडर जारी करती है.