पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ रुपए का जुर्माना, NGT ने इस मामले में जारी किए आदेश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने पुराने कचरे और सीवरेज डिस्चार्ज के मैनेजमेंट पर ठोस कदम न उठाने के मामले में पंजाब सरकार पर यह जुर्माना लगाया है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गुरुवार को पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने पुराने कचरे और सीवरेज डिस्चार्ज के मैनेजमेंट पर ठोस कदम न उठाने के मामले में पंजाब सरकार पर यह जुर्माना लगाया है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि पंजाब में इस समय 53.87 लाख टन पुराना कचरा पड़ा हुआ है. जबकि दो साल पहले यह कचरा 66.66 लाख टन था. एनजीटी ने फटकार लगाते कहा कि इसका मतलब की दो साल में राज्य सरकार सिर्फ 10 लाख टन कचरे को ही डिस्पोज कर पाई है.
इसी स्पीड से काम चलता रहा तो 10 साल लग जाएंगे
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि पंजाब में इस समय 53.87 लाख टन पुराना कचरा पड़ा हुआ है. जबकि पिछले दो साल में राज्य सरकार सिर्फ 10 लाख टन कचरे को ही डिस्पोज कर पाई है. एनजीटी ने कहा कि अगर इसी स्पीड से काम चलता रहा तो 53.87 लाख टन पुराना कचरे को डिस्पोज करने में 10 साल लग जाएंगे.
वहीं, एनजीटी ने अपने नए आदेशों में कहा कि रिंग-फेंस खाते के निर्माण संबंधी साल 2022 के आदेश का पालन करने में मुख्य सचिव विफल रहे. एनजीटी ने आगे कहा कि साल 2022 में उन्हें 2080 करोड़ रुपए देने का आदेश दिया गया था, जिसे मुख्य सचिव ने पालन नहीं किया. पंजाब सरकार ने अब तक केवल 100 करोड़ रुपये जमा किए हैं.
मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि आदेश का उल्लंघन और आदेश न मानना NGT के अधिनियम 2010 की धारा 26 के तहत अपराध है. वहीं, एनजीटी ने अपने हालिया आदेश में पुराने कचरे और सीवेज डिस्चार्ज के लिए उचित कदम न उठाने के लिए पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी.
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