West Bengal Train Accident: एक पटरी, एक ही दिशा और उस पर दौड़ती दो ट्रेनों में टक्कर… कैसे हो गई चूक, हादसे पर उठते सवाल

West Bengal Train Accident: एक पटरी, एक ही दिशा और उस पर दौड़ती दो ट्रेनों में टक्कर… कैसे हो गई चूक, हादसे पर उठते सवाल

Kanchanjunga Express Accident: पश्चिम बंगाल में आज सुबह एक दर्दनाक रेल हादसा हो गया. कंचनजंगा एक्सप्रेस को मालगाड़ी ने जोरदार टक्कर मार दी. इसमें 8 लोगों की मौत हो गई. 30 लोग घायल हुए हैं. पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद हैं. घायलों को रेस्क्यू किया जा रहा है. हादसा कैसे हुआ इसकी जांच की जा रही है. लेकिन इस बीच तीन बड़ी लापरवाहियां सामने आई हैं. तो चलिए जानते हैं कहां-कहां क्या लापरवाही हुई.

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के न्यू जलपाईगुड़ी में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे (Kanchanjunga Express Accident) को लेकर अब कई सवाल उठने लगे हैं. हादसे के तीन बड़ी लापरवाहियां सामने आई हैं. आज सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर तेज रफ्तार मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को जोरदार टक्कर मार दी. हादसा इतना भयंकर था कि एक्सप्रेस ट्रेन की तीन बोगियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं. आठ लोगों की इसमें मौत हुई. 25 लोग घायल हुए हैं. रेलवे बोर्ड की सीईओ और चेयरमैन जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि मालगाड़ी के लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट और कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड की भी मौत हो गई है. हादसे में घायल यात्रियों को सिलीगुड़ी के मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है.

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह दुर्घटना सिग्नलिंग समस्या के कारण हुई. बिना सिग्नल के मालगाड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस से टकरा गई. रेलवे सूत्रों के मुताबिक, सिग्नलिंग सिस्टम में दिक्कत के कारण मालगाड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस से टकरा गई.

भारतीय रेलवे (Indian Railways) के निर्देशानुसार उत्तर बंगाल से कोलकाता जाने वाली ट्रेनों को प्राथमिकता दी जाती है. जलपाईगुड़ी में जिस जगह यह हादसा हुआ, उस ट्रैक से पहले कोलकाता जाने वाली ट्रेनों को भेजा जाता है. दूसरे रूट की ट्रेनों के लिए यहां अलग ट्रैक है. जब कोलकाता के लिए इस ट्रैक से कोई ट्रेन नहीं गुजर रही होती, उस परिस्थिति में दूसरी ट्रेनों को वहां से भेजा जा सकता है. लेकिन यहां पहली लापरवाही सामने आई. जब इस ट्रैक से कंचनजंगा एक्सप्रेस गुजर रही थी तो फिर मालगाड़ी यहां कैसे आ पहुंची. उसे तो ऐसी परिस्थिति में दूसरे ट्रैक से गुजरना था. यह हादसे की सबसे बड़ी लापरवाही मानी जा रही है.

दूसरी लापरवाही इस केस में यह सामने आई कि मालगाड़ी ओवरलोड थी साथ ही ओवरस्पीड भी. वहीं, कंचनजंगा एक्सप्रेस की स्पीड 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा थी. इसी कारण जब उसकी टक्कर कंचनजंगा एक्सप्रेस से हुई तो पैसेंजर ट्रेन की दो बोगियों के परखच्चे उड़ गए. एक बोगी को हवा में झूल गई. हादसे का मंजर बेहद डरा देने वाला था.

तीसरी लापरवाही ये भी सामने आई कि जब कंचनजंगा एक्सप्रेस रुकी हुई थी तो क्या इस बात की सूचना वहां मौजूद रेलवे कर्मचारियों को नहीं थी? अगर होती तो मालगाड़ी को उस ट्रैक से जाने ही नहीं दिया जाता.

घटना की जांच जारी

फिलहाल रेलवे पुलिस, राज्य पुलिस और प्रशासन की टीमें हादसे की जांच कर रही हैं. हादसे में मारे गए पांच लोगों की भी पहचान की जा रही है. मौके पर रेस्क्यू टीमें मौजूद हैं. हादसे के बाद ट्रेन में फंसे यात्रियों को गैस कटर से बोगियां काटने के बाद बाहर निकाला गया. कुछ पैसेंजर ट्रैक में भी फंस गए थे. उन्हें भी बड़ ही मुश्किल से सुरक्षित बाहर निकाला गया. अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. हादसे में मालगाड़ी का लोको पायलट गंभीर रूप से घायल है. बाकी के लोको पायलट से भी पूछताछ की जा रही है.

हेल्पलाइन नंबर किए जारी

उधर, न्यू जलपाईगुड़ी के पास डाउन कंचनजंगा एक्सप्रेस की पीछे से टक्कर के बाद सियालदह स्टेशन पर एक विशेष हेल्पलाइन बूथ (Helpline Numbers) बनाया गया है. हेल्पलाइन नंबर हैं:- 03323508794, 033-23833326. घटना के बारे में जानकारी या सहायता चाहने वाले यात्री इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं. यात्रियों को और अधिक सहायता प्रदान करने के लिए नैहाटी स्टेशन पर एक अतिरिक्त हेल्प डेस्क भी स्थापित किया जा रहा है. नैहाटी में हेल्पलाइन नंबर:-रेलवे नंबर 39222. बीएसएनएल नंबर 033-25812128.