‘देश के लिए जीता हूं, देश के लिए मरता हूं’, PM मोदी के भाषण की बड़ी बातें
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि कोई भी जब सरकार में आता है तो कुछ करने के वादे से आता है, लेकिन भावनाएं व्यक्त करने से बात नहीं बनती है. आप कहे बहुत कुछ लेकिन हुआ कुछ नहीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में जवाब दे रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा, राष्ट्रपति महोदय ने दोनों सदनों को संबोधित करते हुए विकसित भारत का एक खाका और विकसित भारत के संकल्प के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण के दौरान कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला है.
पीएम मोदी ने कहा कि आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलता जाएगा. अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने एक कवित के जरिए कांग्रेस पर हमला बोला. राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बाद भी पीएम मोदी ने भाषण देना बंद नहीं किया. एक तरफ विपक्ष हंगामा करता रहा तो दूसरी ओर से पीएम मोदी जवाब देते रहे.
पढ़ें पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण की बड़ी बातें-
- बेटी का संपत्ति पर अधिकार हो, हमने उसके लिए काम किया. बैंक में पैसा जमा करें. बजट सत्र के लिए तो गर्व की बात है कि बजट सत्र का प्रारंभ महिला राष्ट्रपति के द्वारा होता है और सत्र का विधिवत प्रांरभ महिला वित्त मंत्री के जरिए होता है.
- हमारी माताओं-बहनों को पीने के पानी के लिए जूझना न पड़े हमने नल से घर पानी पहुंचाने की योजना शुरू की. सौभाग्य योजना के जरिए हमने गरीब परिवारों को बिजली पहुंचाई.
- हमने सुकन्या समृद्धि योजना के जरिए बेटियों की शिक्षा का व्यवस्था किया. आज सैनिक स्कूलों में हमारी बेटियां पढ़ रही है. हमने हमारी बेटियों के लिए सेना के दरवाजे भी खोल दिए हैं. खुशी होती हैं कि सियाचीन में मेरे देश की कोई बेटी मां भारती की रक्षा के लिए तैनात होती है.
- आज साल में तीन बार पीएम सम्मान निधि सीधे छोटे किसान के खाते में जमा होती है. हम जानते हैं हमारे देश के बहुत किसान ऐसे हैं जिनको बरसाती पानी पर गुजारा करना पड़ता है. मोटे अनाज की खेती करते हैं.
- इस देश के किसानों के साथ क्या बीती है ऊपर के कुछ एक वर्ग को संभाल लेना और उन्हीं से अपनी राजनीति चलाए रखना, यही सिलसिला चला. छोटे किसानों के आवाज को कोई सुनने वाला नहीं था. हमने सुना.
- पीएम मोदी ने कहा, मुझे गर्व है कि मेरी सरकार ने गरीबों की चिंता की. हमने इतना ही नहीं हमारे विश्वकर्मा समुदाय जो कि समाज निर्माण में भूमिका निभाते हैं, हमने उनकी चिंता करने का भी काम किया है.
- दशकों तक हमारे आदिवासी भाई विकास से वंचित रहे. उनके नौजवानों के मन में सरकार के लिए बार-बार सवाल उठते रहे. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पहली बार आदिवासियों के विकास और भलाई के लिए मंत्रालय बना.
- कांग्रेस को बार बार देश नकार रहा लेकिन वो और उनके साथी साजिशों से बाज नहीं आ रहे हैं. देश की जनता उसे देख रही है और समझ भी रही है.
- संसद में विपक्ष के निशाना साधने को लेकर भी प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि खरगे जी की पीड़ा मैं समझ सकता हूं. 9 साल में देश में 48 करोड़ जन-धन खाते खुले. लेकिन किसी का खाता बंद हो रहा है. इतने सारे खाते खुलें और किसी का बंद हो जाए तो दिक्कत होगी ही.
- कांग्रेस के 60 साल के शासन पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हो सकता है कि उनका इरादा मजबूत नींव बनाने का हो. लेकिन इसके बदले उन्होंने सिर्फ गड्डे ही गड्डे खोद दिए. 60 साल में जब वे गड्डे खोद रहे थे, तब दुनिया के छोटे-छोटे देश भी आगे निकल रहे थे.
- भाषण की शुरुआत के साथ ही पीएम मोदी ने शेर के साथ विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘उनके हाथ में कीचड़ था मेरे हाथ में गुलाल, जिसके हाथ में जो था उसने दिया उछाल.’ जितना कीचड़ उछालोगे, उतना ही कमल खिलेगा.
- हमने आनंद के साथ, संतोष के साथ मेहनत की. हम जानते थे ये कठिन काम इन्होंने छोड़ दिया. हम मक्खन पर नहीं पत्थर पर लकीर खींचने वाले लोग हैं.
- हमे मालूम था कि हम काम कर रहे हैं तो मेहनत करनी पड़ेगी. हमे मालूम था पैसा खर्च करना होगा. हमारी प्राथमिकता हमारे देश का नागरिक था.
- हम, जनता को उनके प्राथमिकताओं के आधार पर, जरूरतों के आधार पर, मेहनत करते हैं तो हम पर दबाव भी बढ़ता है. हमें मेहनत भी ज्यादा करनी पड़ती है. परिश्रम भी ज्यादा करना पड़ता है.
- मेहनत करनी पड़ेगी तो करेंगे, लेकिन जनता जनार्दन के एक्सप्रेसन को चोट नहीं पहुंचने देंगे. हमने वो करके दिखाया भी है. देश आजाद हुआ तब से 2014 तक 14 करोड़ एलपीजी कनेक्शन थे जबकि लोगों की मांग भी थी.
- मुझे खुशी है कि डायरेक्ट ट्रांसफर के कारण इस देश के दो लाख करोड़ रुपए के ज्यादा पैसे बच गए हैं. देश की बहुत बड़ी सेवा की है. उनका दर्द समझ सकते हैं, जनता जर्नादन है, जनता आपका खाता बंद कर रही है.
- पानी की टंकी के उद्घाटन की खबर पहले पेज की खबर होती थी. हैंडपंप लगने पर उत्सव मनाया जाता था. हमने जल समस्या, जल संरक्षण समेत हर पहलू पर ध्यान दिया.
- पंचायत से पार्लियामेंट तक दुनिया उनकी थी, लेकिन एक भी चुनौती का समाधान ढूंढने का ना उन्होंने सोचा. ना सुलझाने का प्रयास किया. कुछ लोगों को शिकायत थी कि बुनियाद तो हमने क्रेडिट मोदी ले रहे हैं
- हमारी सरकार की पहचान पुरुषार्थ के कारण बनी है.आज हम एक-एक विषय को लेकर भागने वाले लोग नहीं बल्कि एक-एक समस्याओं पर ध्यान देकर हम लोग आगे बढ़ रहे है.
- हम टुकड़ों में नहीं सोचते हैं. हम साइंस और टेक्नोलॉजी के तरफ देश को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं. हमने विज्ञान के क्षेत्र में, स्पेस के क्षेत्र में प्राइवेट भागीदारी का सपना पूरा किया.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा इनकी राजनीति, अर्थ नीति और समाज नीति वोटबैंक के आधार पर ही चलती थी, लेकिन हमने रेहड़ी-ठेले पटरी वालों की चिंता की. PM स्वनिधि और PM विकास योजना के जरिए हमने समाज के एक बड़े वर्ग का सामर्थ्य बढ़ाने का काम किया है.
- पीएम मोदी ने कहा कि हमने बेटियों के लिए सैनिक स्कूल खोल दिए. आज सैनिक स्कूलों में मेरी बेटिया पढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां अबला नहीं सबला हैं और वे सेना में जाना चाहती हैं. पीएम ने कहा कि हमने बेटियों के लिए सेना के दरवाजे खोल दिए हैं. बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या बढ़ रही है.
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कहा कि 600 सरकारी परियोजना गांधी-नेहरू के नाम पर हैं. उन्होंने कहा कि गांधी परिवार नेहरू सरनेम रखने से क्यों डरता है? ये देश किसी परिवार की जागिर नहीं.