जंगलों में पैदल चली, रेंगकर पार की कंटीली बाड़…एंकर ने बताई बच्ची को छोड़ रूस से भागने की दास्तां

जंगलों में पैदल चली, रेंगकर पार की कंटीली बाड़…एंकर ने बताई बच्ची को छोड़ रूस से भागने की दास्तां

रूसी टीवी प्रजेंटर ने रूस से अपने पलायन की खौफनाक कहानी बताई है. मरीना ओवसनिकोवा ने खुलासा किया कि रूस छोड़ने के लिए उसने सात बार कार बदली, इसके बाद वो वहां से भागने के लिए वो रात के अंधेरे में अपनी 11 साल की बेटी के साथ कंटीली तारों के नीचे रेंगती रही.

नई दिल्ली: रूसी टीवी प्रजेंटर ने रूस से अपने पलायन की खौफनाक कहानी बताई है. उन्होंने बताया कि कितनी मुश्किल परिस्थितियों में उन्होंने अपनी 11 साल की बेटी के साथ रूस छोड़ा. 44 साल की रूसी टीवी संपादक उस समय चर्चा में आई थी, जब उन्होंने लाइव टीवी में यूक्रेन के साथ युद्ध के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निंदा की थी. इसके बाद उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया था. लेकिन जिस हिम्मत के साथ वो हाउस अरेस्ट से भागी उसकी कहानी रोंगटे खड़े करने वाली है.

मरीना ओवसनिकोवा ने खुलासा किया कि रूस छोड़ने के लिए उसने सात बार कार बदली, इसके बाद वो वहां से भागने के लिए वो रात के अंधेरे में अपनी 11 साल की बेटी के साथ कंटीली तारों के नीचे रेंगती रही. मरीना का मानना है कि ये सबसे खतरनाक समय है. उन्होंने कहा कि मैं अच्छी तरह जानती हूं क्रेमलिन के दुश्मनों के साथ क्या हो सकता है. लेकिन हम में से अधिक से अधिक लोग बोल रहे हैं. पुतिन हम सबको चुप नहीं करा सकते हैं.

फ्रांस के राष्ट्रपति ने दी है शरण

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पेरिस में दो बच्चों की मां मरीना ओवसनिकोवा को राजनीतिक शरण और 24 घंटे सुरक्षा प्रदान की है. मरीना ने डेली मेल को इंटरव्यू दिया है, जो ब्रिटिश मीडिया को दिया गया उनका पहला इंटरव्यू है. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने हाउस अरेस्ट के दौरान उन पर नजर रखने वाले इलैक्ट्रिक उपकरणों को बैग में लगे वायर कटर से काटा. इसके बाद रूस बॉर्डर को पार करने के लिए उन्होंने सात बार अपनी कार बदली. पिछले साल अक्टूबर में उन्हें अपनी 11 साल की बेटी अरिशा के साथ रूस छोड़ने में तीन दिन लगे.

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कंटीले तारों की बाड़ से रेंगने को हुए मजबूर

उन्होंने बताया कि जब उनकी एक कार कीचड़ में फंसी को तो वे रात के अंधेरे में दलदली खेतों और जंगलों में 12 मील से अधिक समय तक पैदल ही ठोकर खाते रहे. इतना ही नहीं सुरक्षित पहुंचने के लिए वो कंटीले तारों की बाड़ में रेंगने को मजबूर हुए. वहां कोई फोन सिग्नल नहीं था. सीमा में लगे गार्डों से बचने के लिए उन्होंने कई बार खुद को जमीन पर गिराया. एक बच्ची के साथ ये यात्रा करना बहुत खतरनाक था. कई बार लगा कि हम ये नहीं कर पाएंगे. लेकिन रूस में रहना बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं था. वो मेरा खात्मा करना चाहते थे.

मरीना ने बहुत कुछ खोया

पुतिन का विरोध करने के बाद रूस ने उस चैनल को भी नियत्रंण में ले लिया, जिसमें वो काम करती थी. ओवसनिकोवा ने बताया कि उनके बेटे ने उनसे बात करना बंद कर दिया है. उनकी मां का कहना है कि उन्होंने अपने देश का अपमान किया है. उन्होंने स्वीकार किया कि मैंने बहुत कुछ खोया है लेकिन उतना नहीं जितना यूक्रेन के लोगों ने खोया है. मुझे आशा है कि एक दिन मेरा बेटा यह समझेगा कि मैंने यह उसके लिए और उसकी बहन के लिए किया, क्योंकि मैं विश्वास करती हूं कि रूस का एक स्वतंत्र देश के रूप में भविष्य है. मुझे उम्मीद है कि एक दिन, जब पुतिन चले गए होंगे, मैं अपनी मां को फिर से गले लगा सकूंगी.