Ranji Trophy: सौराष्ट्र फाइनल में, 10 साल में 5वीं बार किया ये काम, मुंबई को किया पीछे
सौराष्ट्र ने पिछले 10 रणजी ट्रॉफी सीजन में से पांच में फाइनल में जगह बनाई है. ये घरेलू क्रिकेट में एक दशक में सबसे ज्यादा बार फाइनल खेलने वाली टीम बन गई है.
सौराष्ट्र ने एक बार फिर शानदार खेल दिखाते हुए रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है. इस टीम ने रविवार को सेमीफाइनल में मयंक अग्रवाल की कप्तानी वाली कर्नाटक को मात दे फाइनल में जगह बनाई है. सौराष्ट्र को जीतने के लिए चौथी पारी में महज 115 रनों की जरूरत थी जो उसने छह विकेट खोकर बना लिए और खिताबी मुकाबले में जगह बना ली. फाइनल में इस टीम का सामना बंगाल से होगा. बंगाल ने मौजूदा विजेता मध्य प्रदेश को मात दे फाइनल में जगह बनाई है.
सौराष्ट्र ने पिछले 10 रणजी ट्रॉफी सीजन में से पांच में फाइनल में जगह बनाई है. ये घरेलू क्रिकेट में एक दशक में सबसे ज्यादा बार फाइनल खेलने वाली टीम बन गई है. इसके बाद मुंबई का नंबर है जो एक दशक में चार बार फाइनल खेली थी. सौराष्ट्र कुल आठवीं बार फाइनल में पहुंची है. बंगाल कुल 15वीं बार फाइनल में पहुंची है और ये टीम तीसरी बार खिताबी मुकाबला जीतने की कोशिश करेगी.
निकिन का शतक बेकार
एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए मैच के पांचवें दिन की शुरुआत कर्नाटक ने की थी. कर्नाटक ने चार विकेट के नुकसान पर 123 रनों के साथ पारी को आगे बढ़ाया. चौथे दिन 54 रनों पर नाबाद लौटने वाले निकिन जोस ने शतक जमाया और अपनी टीम को 234 के स्कोर तक ले गए. निकिन अपनी टीम के 10वें विकेट के रूप में आउट हुए. उन्होंने 161 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से 109 रन बनाए. उनके अलावा मयंक ने 55 रनों की पारी खेली. कृष्णाप्पा गौतम ने 23 और विजयकुमार व्यस्क ने 2 रनों का योगदान दिया.
कर्नाटक ने पहली पारी में 407 रन बनाए थे. सौराष्ट्र ने फिर 527 रन बना 120 रनों की बढ़त ले ली थी. कर्नाटक ने फिर 234 रन बनाए सौराष्ट्र को 115 रनों का लक्ष्य दिया.
सौराष्ट्र को हुई मुश्किल
ये लक्ष्य आसान था लेकिन सौराष्ट्र को इसे हासिल करने में भी मुश्किल हो गई. सौराष्ट्र की टीम लगातार विकेट खो रही थी लेकिन कप्तान अर्पित वासवाडा ने एक छोर संभाले रखा और नाबाद 47 रन बना टीम को जीत दिलाई. उनके अलावा चेतन साकरिया ने 27 रन बनाए. कर्नाटक के लिए वासुकी कौशिक और गौतम ने तीन-तीन विकेट लिए.