EV से भी दो कदम आगे निकले मुकेश अंबानी, पेश किया पहला हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रक

EV से भी दो कदम आगे निकले मुकेश अंबानी, पेश किया पहला हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रक

हाइड्रोजन ट्रक देश का पहला H2ICE Technology वाला ट्रक है. इसमें परंपरागत डीजल फ्यूल या हाल ही में पेश की गई एलएनजी की जगह पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल होता है.

Reliance Hydrogen Truck: आज के टाइम पर ज्यादातर व्हीकल मैन्युफ्रैक्चरर अपने व्हीकल्स में नई टेक्नोलॉजी पर फोकस कर रहे हैं. ऑटो सेक्टर इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) के साथ अब हाइड्रोजन से चलने वाले व्हीकल्स यानी Hydrogen Fuel से चलने वाली गाड़ियों को लाने पर अपना फोकस कर रही हैं. ऐसे में मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली Reliance Industries और Ashok Leyland ने India Energy Weekमें हाइड्रोजन से चलने वाले एक ट्रक को पेश किया है. हाइड्रोजन को सबसे स्वच्छ फ्यूल माना जाता है और इससे सिर्फ पानी और ऑक्सीजन का एमिशन होता है.

अशोक लेलैंड द्वारा बनाए गए दो बड़े हाइड्रोजन सिलेंडर वाले इस ट्रक को मेन वैन्यु के साइड में एक हॉल में रखा गया है. यह देश का पहला H2ICE Technology वाला ट्रक है. ट्रक में परंपरागत डीजल फ्यूल या हाल ही में पेश की गई एलएनजी की जगह पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल होता है तो इससे एमिशन लगभग जीरो हो जाता है.

कंपनियां हाइड्रोजन मैन्युफैक्चरिंग में कर रही इंवेस्ट

  1. इसमें कहा गया है कि H2ICE वाहन की परफॉर्मेंस डीजल आईसीई के समान होती है. एच2 हाइड्रोजन फॉर्मुला है और आईसीई फ्यूल इंजन के लिए है. भारत हाइड्रोजन के इस्तेमाल पर तेजी से जोर दे रहा है.
  2. इसका प्रोडक्शन बिजली का इस्तेमाल कर पानी को अलग करके किया जाता है. स्टील प्लांट्स से लेकर फर्टिलाइजर यूनिट तक में हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जा सकता है. ये हाइड्रोकॉर्बन की जगह ले सकता है.
  3. हाइड्रोजन का इस्तेमाल व्हीकल फ्यूल के रूप में भी किया जा सकता है, लेकिन फिलहाल इसकी मैन्युफ्रैक्चरिंग लागत काफी हाई है. हालांकि, इसके बावजूद कंपनियां हाइड्रोजन मैन्युफ्रैक्चरिंग में इंवेस्ट कर रही हैं.
  4. पिछले महीने गौतम अडानी ग्रुप ने हाइड्रोजन ट्रक की प्लानिंग का ऐलान किया था.
  5. अडानी ग्रुप ने पहले ऐलान किया था कि वो अगले 10 साल में ग्रीन हाइड्रोजन और ईकोसिस्टम में 50 अरब डॉलर यानी करीब 4 लाख रुपये इंवेस्ट करने की योजना बना रहा है.

रिलायंस ग्रुप बिजली से चलने वाले वाहन जेनरेशन के अलावा हाइड्रोजन ईकोसिस्टम में इंवेस्ट कर रहा है. कंपनी को कॉर्बन फ्री करने की योजना के तहत रिलायंस गुजरात में कई ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स में 6 लाख करोड़ रुपये इंवेस्ट कर रहा है.