Shamli Encounter: 30 मिनट में 32 राउंड फायरिंग, इंस्पेक्टर के पेट में लगी 3 गोली; कग्गा गैंग से मुठभेड़ की कहानी जिसमें शहीद हुए सुनील कुमार?
यूपी एसटीएफ ने शामली एनकाउंटर में अपने जाबांज इंस्पेक्टर को खो दिया है. इस एनकाउंटर में जख्मी इंस्पेक्टर सुनील कुमार की बुधवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. उनके पेट में तीन गोलियां लगीं थी.
उत्तर प्रदेश में सहारनपुर स्थित भारत फाइनेंस कंपनी में 1.90 लाख रुपये की डकैती केस में सोमवार को यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली. यूपी एसटीएफ की टीम ने गिरोह के सरगना मुस्तफा उर्फ कग्गा गैंग के बदमाश अरशद समेत चार बदमाशों को शामली में घेर कर मार गिराया. इस मुठभेड़ में दोनों तरफ से 32 राउंड फायरिंग हुई. इसमें चारों बदमाशों के अलावा यूपी एसटीएफ के जाबांज इंस्पेक्टर सुनील कुमार को भी गोली लगी थी. उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई है. ऐसे में यह सही मौका है कि उस परिस्थिति को भी जान लिया जाए, जिसमें यूपी पुलिस ने एक बहादुर जवान को खो दिया है.
पिछले साल 29 नवंबर को सहारनपुर में भारत फाइनेंस कंपनी में डकैती हुई थी. हथियार बंद बदमाशों ने कंपनी में मौजूद सभी कर्मचारियों को बंधक बनकार 1.90 लाख रुपये की डकैती डाली थी. इस घटना के बाद सहारनपुर पुलिस की काफी किरकिरी हुई. हालात को देखते शामली पुलिस ने इस गिरोह के शूटर अरशद के खिलाफ एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया ओर मामला यूपी एसटीएफ को ट्रांसफर किया गया. एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक केस हाथ में आते ही एसटीएफ ने पूरे पश्चिमी यूपी में इन बदमाशों के सुराग तलाशने शुरू कर दिए.
ऐसे हुई मुठभेड़
इसी बीच सोमवार को इनपुट मिला कि इस डकैती को अंजाम देने वाले बदमाश शामली में मौजूद हैं और किसी अन्य वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. इस सूचना पर यूपी एसटीएफ ने आनन फानन में टीम बनाई और सोमवार की ही रात शामली में इन बदमाशों को घेर लिया गया. उस समय अरशद के साथ तीन और बदमाश मौजूद थे. इन्होंने अपने घिरा देखकर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. ऐसे में पुलिस ने पहले तो इन्हें हथियार डालने के लिए कहा, लेकिन बदमाशों की ओर से फायरिंग नहीं रूकी तो पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की.
पेट में लगीं तीन गोलियां, निकालना पड़ा गॉल ब्लैडर
इस दौरान पुलिस ने चारों बदमाशों को धराशायी तो कर दिया, लेकिन गिरने के बाद एक बदमाश ने पुलिस के ऊपर फायर झोंक दिया. इसमें से तीन गोलियां इंस्पेक्टर सुनील कुमार के पेट में लगीं. उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया, जहां ऑपरेशन में गॉल ब्लेडर को हटाना पड़ा और बड़ी आंत का कुछ हिस्सा काट कर निकालना पड़ा. बावजूद इसके बुधवार को उनकी मौत हो गई है. पुलिस ने एनकाउंटर खत्म होने के बाद बदमाशों के पास से एक कार्बाइन 30 बोर, एक पिस्टल 30 बोर, एक पिस्टल 32 बोर, तीन तमंचे 315 बोर, 74 कारतूस और एक ब्रेजा कार बरामद की है.
ठोकिया का एनकाउंटर किया
इंस्पेक्टर सुनील कुमार की मौत से यूपी एसटीएफ को बड़ा झटका लगा है. 1990 में बतौर कांस्टेबल वह यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे. 1997 में उन्होंने कमांडो ट्रेनिंग ली और साल 2009 में यूपी एसटीएफ में शामिल हो गए थे. एसटीएफ में शामिल होने से पहले 13 मार्च 2008 को उन्होंने फतेहपुर में कुख्यात डकैत ठोकिया के एनकाउंटर में हिस्सा लिया था और उनकी बहादुरी की वजह से ठोकिया और उसके गिरोह को नेस्तानाबूद किया जा सका. इसी एनकाउंटर के उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देते हुए हेड कांस्टेबल से प्लाटून कमांडर के पद पर पदोन्नति दी गई थी.