30 शतक वाले पिता ने, 8 साल में किया जो काम, 38 दिन में बेटे ने दिया उसे अंजाम

30 शतक वाले पिता ने, 8 साल में किया जो काम, 38 दिन में बेटे ने दिया उसे अंजाम

इतना ही नहीं, 2014 के बाद ये पहला ही मौका है जब वेस्टइंडीज की ओर से टेस्ट मैच में क्रेग ब्रैथवेट के अलावा भी किसी अन्य ओपनर ने शतक जमाया है.

किसी भी माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उसने अपनी जिंदगी में जो भी और जितना भी हासिल किया हो, उनके बच्चे उनसे बेहतर और ज्यादा हासिल करें. खेलों की दुनिया में भी ऐसा होना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन कम ही बार ऐसा होता है जब किसी मशहूर खिलाड़ी के बच्चे अपने माता-पिता जैसा रुतबा हासिल कर पाएं. वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज बल्लेबाजों में से एक शिवनरेन चंद्रपॉल उन खुशकिस्मत पिता में से हैं, जिन्होंने खुद तो बहुत कुछ हासिल किया, अब उनका बेटा भी उस राह पर चल पड़ा है, बल्कि शुरुआत अपने पिता से भी बेहतर की है.

शिवनरेन चंद्रपॉल के बेटे तेजनरेन चंद्रपॉल ने अपने पिता के नक्शेकदमों पर चलते हुए टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला शतक ठोक दिया है. जिम्बाब्वे के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन रविवार 5 फरवरी को तेजनरेन ने टेस्ट क्रिकेट में शतकों का खाता खोला. पिता की ही तरह बेहद अलग अंदाज वाले स्टांस के साथ बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने वाले तेजनरेन ने बुलावायो में ये कमाल किया.

पहले शतक में पिता से अव्वल

तेजनरेन ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने से एक ओवर पहले 286 गेंदों में अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी पूरी की. अपने करियर का तीसरा ही टेस्ट खेल रहे 26 साल के तेजनरेन दिन का खेल खत्म होने तक 101 रन बनाकर नाबाद थे. सबसे खास बात ये है कि इस शतक तक पहुंचने में तेजनरेन को सिर्फ पांच पारियों का वक्त लगा, जो उनके महान बल्लेबाज पिता की तुलना में बेहद कम है.

वेस्टइंडीज के लिए 30 टेस्ट शतक जमाने वाले शिवनरेन को अपने पहले टेस्ट शतक के लिए 31 पारियों का इंतजार करना पड़ा. सिर्फ इतना ही नहीं, तेजनरेन ने तीसरे टेस्ट में ये उपलब्धि हासिल की, जबकि पिता शिवनरेन ने 19वें टेस्ट में जाकर पहली सेंचुरी ठोकी थी.

इस बल्लेबाज ने अपने पहले शतक के साथ एक और मामले में पिता को बेहद पीछे छोड़ दिया. शिवनरेन चंद्रपॉल को विदेशी जमीन पर अपना पहला टेस्ट शतक लगाने के लिए 8 साल का इंतजार करना पड़ा. उन्होंने 2002 में भारत के खिलाफ ईडन गार्डन्स में 140 रन की पारी खेली थी. इसकी तुलना में तेजनरेन ने सिर्फ 38 दिन में ये कमाल कर दिया. इस युवा ओपनर ने 30 दिसंबर 2022 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था.

2013 के बाद पहले ओपनर

तेजनरेन का ये शतक कुछ और मायनों में खास था. 2013 के बाद वेस्टइंडीज क्रिकेट में ये पहला मौका था, जब क्रेग ब्रैथवेट के अलावा किसी अन्य ओपनर ने टेस्ट मैच में शतक लगाया हो. बीते 8 सालों में वेस्टइंडीज के मौजूदा कप्तान ही ओपनिंग में सेंचुरी लगा रहे थे और ये सिलसिला जिम्बाब्वे के खिलाफ भी जारी रहा. चंद्रपॉल के शतक तक पहुंचने से पहले ब्रैथवेट ने शतक पूरा किया, जो उनकी 12वीं टेस्ट सेंचुरी थी. ब्रैथवेट और चंद्रपॉल ने मिलकर 221 रनों की नाबाद साझेदारी की और बारिश से प्रभावित टेस्ट के दो दिनों के बाद भी कोई विकेट नहीं गंवाया है.