लालू यादव और मीसा के बयान तेजस्वी यादव ने दो बार काटा, आखिर मन में क्या चल रहा है?

लालू यादव और मीसा के बयान तेजस्वी यादव ने दो बार काटा, आखिर मन में क्या चल रहा है?

बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव लालू के बयान के उलट जवाब दे रहे हैं, उन्होंने अपनी बड़ी बहन मीसा के बयान से अलग दिशा में बातें बोली. जिससे सियासी गलियारे में काफी चर्चा हो रही है.

बिहार की राजनीति में राजद और तेजस्वी यादव दोनों चर्चा में हैं. दरअसल, चर्चा में आने का कारण भी है. पिछले कुछ दिनों में कम से कम दो ऐसे मौके आए हैं, जब अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की बातों को तेजस्वी यादव ने काट दिया. तेजस्वी के इस रूख के बाद बिहार में यह बात अब तेजी से फैल रही है कि आखिर तेजस्वी यादव के मन में क्या चल रहा है?

दरअसल, तेजस्वी यादव ने पहले अपनी पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बयान को ही काट दिया था. लालू प्रसाद ने सीएम नीतीश कुमार को लेकर सकारात्मक बयान दिया था. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को एनडीए को छोडकर महागठबंधन में आने को लेकर बयान दिया था. लालू प्रसाद यादव के बयान के बाद ही तेजस्वी यादव ने इसके उलट बयान दिया था.

मीसा भारती के बयान के भी उलट बयान

लालू प्रसाद के बयान के बाद तेजस्वी यादव की तरफ से दिए गए बयान की अभी चर्चा ही हो रही थी कि इसके बाद तेजस्वी यादव ने फिर एक बयान दे दिया. दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की बड़ी बहन और पाटलिपुत्र की सांसद मीसा भारती ने मंगलवार को ही बयान दिया था कि खरमास के बाद शुभ कार्य होता है. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के महागठबंधन में आने पर स्वागत किये जाने की बात कही थी. अभी मीसा भारती का बयान आए महज कुछ ही घंटे हुए थे कि तेजस्वी यादव ने यह कहा कि यह सब नहीं होने वाला है. हम जनता के पास जाएंगे.

बीजेपी कस रही तंज

भारतीय जनता पार्टी के राज्य मीडिया प्रमुख दानिश इकबाल कहते हैं, पार्टी के अंदर एक सुर नहीं दिखता है. लालू प्रसाद कुछ और कहते हैं और तेजस्वी यादव कुछ और कहते हैं. पार्टी के अंदर वर्चस्व की लड़ाई है. तेजस्वी यादव खुल कर के पार्टी के अंदर अपना कब्जा जमाना चाहते हैं. जो तेजस्वी यादव चाहे, वही निर्णय हो. ऐसा साफ प्रतीत हो रहा है. लालू प्रसाद यादव पार्टी के अंदर कमजोर दिख रहे हैं.

लालू प्रसाद जो चाहते हैं, वह पार्टी के अंदर नहीं दिखे रहा है. इसी की लड़ाई दिख रही है. लालू प्रसाद बार-बार नीतीश कुमार का स्वागत कर रहे हैं. तेजस्वी बार-बार काट रहे हैं. स्पष्ट है कि लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के बीच सब कुछ ठीक नहीं है. पार्टी में पूरी तरीके से तेजस्वी यादव वास्तविक तौर पर कब्जा चाहते हैं. अपने लोग और निर्णय चाहते हैं. यह इसी की जंग है. हम पहले भी कहते थे. यह एक प्राइवेट लिमिटेड पार्टी है. इसमें कोई एक ही व्यक्ति होता है, वह लीड करता है. वह संघर्ष दिख रहा है कि तेजस्वी यादव पार्टी पर पूरी तरीके से कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं.

राजद की दुर्गति तय

वही जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव कहते हैं, लालू परिवार में आपस में अंतर्कलह बहुत है. तेजस्वी प्रसाद की धारा अलग है, मीसा की धारा अलग है. इस पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. ना तेजस्वी को परिवार मानने वाले हैं, न लालू यादव की मान रहे हैं. आपस में अंदर से लड़ाई चल रही है. पार्टी की दुर्गति होनी तय है और ऐसा होगा भी. कई तरह के बयान आते हैं. उन बयान से हमें कोई मतलब भी नहीं है लेकिन अंदर अंदर काफी लोग लड़ रहे हैं. अंतर्कलह बहुत है. यही अंतर्कलह आरजेडी को ले डूबेगा.

यह जनता को भ्रम में रखने की राजनीति

इस पूरे मामले में वरिष्ठ पत्रकार संजय उपाध्याय कहते हैं, यह एक राजनीति है. जनता को भ्रम में डालने का तरीका है. जो दिखता है वह निर्णायक नहीं होता है बल्कि, उस दिखने के पीछे राजनीति होती है. जनता को दिखाने के पीछे राजनीति होती है. सच यह है कि प्रगति यात्रा में सीएम कह रहे हैं कि महागठबंधन के साथ नहीं जाउंगा. यह बार-बार रिपीट कर रहे हैं और इधर सीएम को केंद्र में रखकर राजद राजनीति कर रही है और जनता को दिखा रही है.