ब्लेड, कीलें, बॉल और गांजा…कैदी के पेट में ये सब देख डॉक्टर भी हैरान; कैसे बची जान?

ब्लेड, कीलें, बॉल और गांजा…कैदी के पेट में ये सब देख डॉक्टर भी हैरान; कैसे बची जान?

चंचलगुडा जेल में बंद कैदी के पेट में पिछले कई दिनों से तेज दर्द हो रहा था. पहले तो उसने जेल की ही डॉक्टर को दिखाया. उसे इलाज में कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद पेट के दर्द से परेशान कैदी ने शहर के बड़े अस्पताल में दिखाया. इलाज के दौरान उसके पेट में कई आपत्तिजनक चीजें पाई गईं.

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. हैदराबाद के पुराने शहर में चंचलगुडा जेल बनी हुई है. यहां सैकड़ों कैदी सजा काट रहे हैं. इसी जेल का एक कैदी मोहम्मद सोहेल है, जिसकी उम्र 21 साल है. हाल ही 21 वर्षीय कैदी मोहम्मद सोहेल के पेट में तेज दर्द हुआ. उसके पेट का दर्द इतना तेज था कि वह सहन नहीं कर पा रहा था. पेट दर्द की जांच के लिए वह जेल के ही डॉक्टरों के पास गया.

जेल में डॉक्टरों ने शुरुआती इलाज किया लेकिन उसे कोई फायदा नहीं हुआ. कैदी के पेट में दर्द पहले से भी ज्यादा हो रहा था. तभी एस्कॉर्ट पुलिस कैदी को 8 जनवरी को उस्मानिया अस्पताल ले गई. जब डॉक्टरों ने कैदी के पेट की जांच की तो वह हैरान रह गए.

पेट से निकलीं ये सारी चीजें

एक्स-रे जांच से पता चला कि कैदी के पेट में शेविंग ब्लेड, दो कीलें, दो छोटी रबर की गेंदें, दो प्लास्टिक के पैकेट और अन्य छोटी चीजें मौजूद हैं. डॉक्टरों की टीम ने इन सभी चीजों को पेट से बाहर निकाला. पेट से निकले प्लास्टिक की पैकेटों में गांजा होने के संदेह पर उसे लैब में भेजा गया.

एंडोस्कोपी के जरिए बची मरीज की जान

गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी के डॉक्टर बी. रमेशकुमार ने बताया कि एंडोस्कोपी से इसे सफलतापूर्वक निकाला गया है. कैदी की तबीयत अब स्थिर है. उन्होंने अपनी पूरी टीम को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि बिना कोई ऑपरेशन किए एंडोस्कोपी के जरिए मरीज की जान बचाई गई है.

कहीं मानसिक समस्या से तो पीड़ित नहीं है कैदी?

डॉक्टर ने कहा कि कैदी ने यह नहीं बताया कि उसने ये चीजें कब और क्यों निगलीं हैं? उन्होंने कहा कि मरीज के पूरी तरह से ठीक होने के बाद वे पूछेंगे कि उसे कोई मानसिक समस्या तो नहीं है. यदि उसे मानसिक समस्या है तो इसका भी इलाज किया जाएगा.