एक-एक कर सीवर में उतरे, जिंदा लौटे ही नहीं… राजस्थान के फतेहपुर शेखावटी में 3 सफाई कर्मियों की मौत पर बवाल
सीवर चैंबर में पहले एक सफाई कर्मी गया था, जब वो बाहर नहीं निकाला तो उसे बचाने के लिए दूसरा कर्मी भी अंदर गया. दूसरा भी जब बाहर नहीं आया तो फिर दोनों बचाने के लिए तीसरा कर्मचारी सीवर में हिल गया. कुछ देर बाद तीनों की जहरीली गैस से मौत हो गई. तीनों वाल्मीकि समाज से आते थे.
राजस्थान में सीकर जिले के फतेहपुर शेखावाटी में मंगलवार को सीवर टैंक की सफाई करते समय तीन सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई है. माना जा रहा है कि तीनों सफाई कर्मियों की मौत जहरीली गैस की चपेट में आने से हुई है. सीवर चैंबर में पहले एक सफाई कर्मी गया था, जब वो बाहर नहीं निकाला तो उसे बचाने के लिए दूसरा कर्मी भी अंदर गया. दूसरा भी जब बाहर नहीं आया तो फिर उन्हें बचाने के लिए तीसरा कर्मचारी सीवर में हिल गया. देखते ही देखते तीनों सीवर में समा गए.
तीन सफाई कर्मियों की मौत के बाद वाल्मीकि समाज के लोग प्रदर्शन करने लगे. समाज के लोग रास्ता जाम कर मृतकों के परिवार के लिए नौकरी और मुआवजे की मांग पर अड़े हैं. समाज के लोगों ने नगर परिषद के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उग्र प्रदर्शन करने लगे. घटना में जान गंवाने वाले तीनों सफाई कर्मी वाल्मीकि समाज के थे और फतेहपुर के रहने वाले थे.
शिकायत मिलने के बाद पहुंचे थे सफाई करने
जानकारी के अनुसार वार्ड-2 रमजान मस्जिद के आगे गंदा पानी जमा होने की शिकायत की गई थी. जिसके बाद सफाई कर्मी सीवर को साफ करने पहुंचे थे. सफाई कर्मियों ने एक-एक कर सभी सीवर चैंबरों को चेक किया जिसके बाद एक को एक चैंबर को खोल कर सफाई करने लगे. इसके लिए पहले एक सफाई कर्मी नीचे उतरा, अंदर पहुंचते ही वो चिल्लाने लगा. इसके बाद दूसरा कर्मचारी भी सीवर में उतर गए. इसी तरह से एक-एक कर तीनों सीवर में उतर गए.
सफाई कर्मियों के पास नहीं थे सुरक्षा के उपकरण
सफाई कर्मियों के सीवर से बाहर नहीं आने के बाद आसपास के लोगों ने किसी तरह से रस्सी के सहारे तीनों को बाहर निकाला तो पता चला कि उनकी मौत हो गई है. तीनों सफाईकर्मियों के पास सुरक्षा से संबंधी बेल्ट, मास्क या फिर ऑक्सीजन जैसी चीजें नहीं थी.
घटना के बाद वाल्मीकि समाज प्रदर्शन करने लगा. प्रदर्शनकारियों ने मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी और 1-1 करोड़ रुपए की मांग की है. घटना की सूचना मिलने के बाद जिला अस्पताल में भारी भीड़ जमा हो गई. इसके बाद वाल्मीकि समाज के लोगों ने मांग नहीं माने जाने तक शव का पोस्टमार्टम करवाने और शव को लेने से इनकार कर दिया है और जिला अस्पताल के गेट पर धरने पर बैठ गए.
कलेक्टर से बात करने पर अड़ा वाल्मीकि समाज
प्रदर्शनकारी कलेक्टर के आने की मांग कर रहे हैं. धरना देने वाले लोगों को कहना है कि वे सिर्फ और सिर्फ कलेक्टर से बात करेंगे जब तक कलेक्टर आज नहीं जाते और उनकी बात सुन नहीं ली जाती वो हटेंगे नहीं. लोगों का कहना है कि सीवर की सफाई के लिए कर्मियों को सुरक्षा उपकरण ही मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं. अगर उनके पास सुरक्षा के उपकरण होते तो शायद तीनों की जान बच जाती.