संभव ही नहीं है… पुरानी पेंशन स्कीम पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय की दो टूक
सरकार ने कहा है कि नियम के मुताबिक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे NPS में जमा किया गया पुराना पैसा राज्यों को वापस दिया जा सके.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने संसद में ये बताया है कि देश में पांच राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम यानी OPS बहाल किया जा रहा है. ये राज्य हैं छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश. यहां की राज्य सरकारों ने यह जानकारी केंद्र सरकार और PFRDA से साझा की है कि वो अपने राज्य के कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम यानि (ops) लागू कर रहे हैं.
लेकिन वित्त मंत्रालय ने इसे यह कहते हुए सिरे से खारिज कर दिया है कि पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) 2013 और PFRDA regulation 2015 के नियम के मुताबिक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे NPS में जमा किया गया पुराना पैसा राज्यों को वापस दिया जा सके.
NPS से OPS में वापसी के लिए राज्यों का सालाना बजट अल्प कालीन आइडिया- केंद्र
आगे मंत्रालय ने ये कहा है कि रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार NPS से OPS में वापसी के लिए इन राज्यों का सालाना बजट अल्प कालीन आइडिया है. इसमें दूर दृष्टि की कमी है. इससे भविष्य में कर्मचारियों को वापसी में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अडाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट और शेयर बाजार में उससे जुड़े घटनाक्रम के मुद्दे की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराये जाने की मांग को लेकर सोमवार को मध्यप्रदेश में विरोध-प्रदर्शन किया और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस्तीफे की मांग की.
मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि जेपीसी जांच और अडाणी समूह में एलआईसी द्वारा निवेश की गई लोगों की गाढ़ी कमाई को बचाने के लिए राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया गया.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि बीजेपी नीत सरकार ने एलआईसी और भारतीय स्टेट बैंक का पैसा गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले कारोबारी समूह में निवेश किया. उन्होंने कहा, केंद्र ने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बंद कर दिया ताकि पैसा राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के माध्यम से ऐसी कंपनियों में निवेश किया जा सके. इन सब की जांच होनी चाहिए.
(भाषा से इनपुट)