Galwan Violence: गलवान झड़प में मारे गए चीनी सैनिकों की जानकारी नहीं दी जा सकती, RTI ने नकारी याचिका

Galwan Violence: गलवान झड़प में मारे गए चीनी सैनिकों की जानकारी नहीं दी जा सकती, RTI ने नकारी याचिका

भारतीय सेना ने गलवान हिंसा में मारे गए चीनी सैनिकों की जानकारी देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह थर्ड पार्टी की जानकारी है जिसे आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (जे) के तहत साझा नहीं किया जा सकता है

केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission) ने साफ-साफ कहा है कि लद्दाख में दो साल पहले भारतीय सुरक्षा बलों के साथ गलवान घाटी में हिंसक झड़प में चीनी हताहतों की संख्या का खुलासा नहीं किया जा सकता है. हाल ही के एक आदेश में, सूचना के अधिकार, या आरटीआई, अधिनियम के तहत सर्वोच्च अपीलीय निकाय, केंद्रीय सूचना आयोग ने “चीनी सेना की ओर से मारे गए लोगों” की मांग करने वाली याचिका की अनुमति देने से इनकार कर दिया. यह याचिका 2020 में 15 और 16 जून की रात को हुई हिंसक झड़प के दौरान मारे गए लोगों के बारे में लगाई गई थी.

वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार,आरटीआई आवेदक अखंड (RTI applicant Akhand) ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास गलवान घाटी में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा हताहतों की संख्या और सैन्य कार्रवाई में मारे गए सैनिकों के परिवारों को पुनर्वास और मुआवजे के भुगतान के बारे में भी जानकारी मांगी थी.

क्या कोई भारतीय सैनिक हुआ था लापता?

इसके अलावा, आरटीआई आवेदक ने भारतीय सेना से यह भी जानना चाहा कि क्या हिंसक झड़प के बाद गलवान घाटी में कोई भारतीय सैनिक लापता भी हुआ था.

भारतीय सेना ने यह कहते हुए जानकारी का खुलासा करने से इनकार कर दिया कि यह थर्ड पार्टी की जानकारी है जिसे आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (जे) के तहत साझा नहीं किया जा सकता है, जो ऐसी किसी भी जानकारी को प्रकट करने से छूट देता है.

थर्ड पार्टी से संबंधित जानकारी नहीं- CIC

जानकारी देने से इनकार करने के लिए, सेना की ओर से आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (ए) का भी हवाला दिया गया, जिसमें भारत की संप्रभुता और अखंडता तथा विदेशी राज्य के साथ देश की सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली जानकारी का खुलासा करने से छूट देता है.

अखंड के प्रतिनिधि ने सीआईसी से कहा कि इस मामले में व्यापक जनहित शामिल है और उनकी ओर से यह अहम जानकारी प्रदान की जानी चाहिए.

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इस पर सूचना आयुक्त वनजा एन सरना (Vanaja N Sarna) ने कहा, “यह पर ध्यान दिया गया है कि अपीलकर्ता को एक उचित स्तर पर उत्तर दे दिया गया है, जिसमें यह सही कहा गया है कि चूंकि सूचना थर्ड पार्टी से संबंधित है, इसलिए आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (जे) के तहत जानकारी प्रदान नहीं की जा सकती है.”

इनपुट- एजेंसी

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