बंगाल के भाटपाड़ा में शूटआउट, गोली लगने से कपड़ा कारोबारी की दर्दनाक मौत
पश्चिम बंगाल के भाटपाड़ा इलाके में रविवार की सुबह गोली लगने से एक कपड़े के कारोबारी की मौत हो गई है. उसकी हत्या की गई या खुद गोली मारी है. इसकी पुलिस जांच कर रही है.
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा इलाके में फिर शूटआउट की घटना घटी है. भाटपाड़ा नगरपालिका के वार्ड नंबर 35 के फिंगपाड़ा इलाके में रविवार की दोपहर स्थानीय लोगों ने एक ईंट-भट्ठे की तरफ से गोली चलने की आवाज सुनाई दी. गोली की आवाज सुनकर लोग दौड़े तो देखा कि एम्ब्रोस ब्रिकयार्ड के बगल में खाली जगह पर एक युवक का शव पड़ा है. उसके बगल में एक बन्दूक पड़ी है. इसकी सूचना तुरंत भाटपाड़ा थाने को दी गई. पुलिस ने मौके पर जाकर शव को बरामद कर भाटपाड़ा अस्पताल भिजवाया, जहां उसे डॉक्टरों ने मृत करार दिया.
पुलिस सूत्रों के अनुसार मृत युवक का नाम अरविंद प्रसाद उम्र 36 वर्ष है. उसकी जेब से एक कागज और एक कारतूस मिला है. हालांकि, कागज सुसाइड नोट है या कुछ और इस बारे में पुलिस ने कुछ नहीं कहा है.
मृत युवक है कपड़े का कारोबारी
मृतक युवक के पड़ोसियों ने बताया कि उसका मेटियाबुर्ज इलाके में कपड़े का कारोबार था, उसका काम पिछले तीन माह से बंद था. इसीलिए युवक ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली या किसी ने उसे ईंट-भट्ठे की खाली जगह पर ले जाकर मार डाला. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. हालांकि स्थानीय लोगों का मानना है कि युवक ने आत्महत्या की है. उसने अपनी ही बन्दूक से अपनी जान ले ली. स्थानीय लोगों का दावा है कि शव के बगल में जेब में रखा तमंचा और अतिरिक्त कारतूस इसके सबूत हैं. पुलिस इस बात की संभावना से इंकार नहीं कर रही है कि किसी ने उसे सरेआम लाकर गोली मार दी और फिर भाग गया. ऐसे में व्यापारिक दुश्मनी हत्या का कारण भी बन सकती है. हालांकि पुलिस का अनुमान है कि मृतक की जेब से बरामद कागज की अच्छी तरह जांच के बाद ही सुराग मिल सकता है.
भाटपाड़ा इलाके में प्रायः होती रहती है अशांति
उत्तर 24 परगना का भाटपाड़ा इलाका अशांति का शिकार रहा है. कानून व्यवस्था की स्थिति अक्सर बिगड़ जाती है. यह इलाका पुलिस प्रशासन का सिरदर्द बना हुआ है. मारपीट और मारपीट कोई नई बात नहीं है, हालांकि रविवार की दोपहर ब्रिकयार्ड के पास व्यवसायी का लहूलुहान शव बरामद होने व उसके आसपास से सैंपल मिलने से पुलिस चिंतित है. बता दें कि पहले बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह भाजपा में थे. उस समय टीएमसी पर इलाके में अशांति पैदा करने का आरोप लगाया जाता था, लेकिन अब वह टीएमसी में शामिल हो गये हैं, लेकिन फिर से हिंसा और अशांति घटने का नाम नहीं ले रही है.