WFI विवाद पर कब होगा फैसला? संसद में उठा मुद्दा तो अनुराग ठाकुर ने दिया जवाब
पिछले महीने भारत के शीर्ष पहलवानों ने WFI अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और उन पर शोषण-उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए थे.
नए साल की शुरुआत में ही भारतीय खेल जगत को हिलाने वाले कुश्ती विवाद पर अभी तक जांच समितियों की रिपोर्ट नहीं आई है और इसमें अभी कुछ और वक्त लगेगा. पिछले महीने विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत देश के शीर्ष पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण और उत्पीड़न के आरोप लगाए थे और धरने पर बैठे थे, जिसके बाद केंद्रीय खेल मंत्रालय ने 6 सदस्यों वाली एक निगरानी समिति बनाई थी.
केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार 9 फरवरी को संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि इस जांच समिति की रिपोर्ट अगले 4 हफ्तों में आएगी. राज्य सभा के सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने खेल मंत्री से पहलवानों के प्रदर्शन और और उसकी जांच के लिए बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट की स्थिति को लेकर जानकारी मांगी थी.
निगरानी समिति पर दबाव से इनकार
TMC सांसद ने साथ ही सरकार से ये भी पूछा था कि क्या सरकार ने ये सुनिश्चित किया है कि जांच कमेटी बिना किसी बाहरी दबाव के अपना काम पूरा करें. इन सवालों के जवाब में मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, निगरानी समिति की अध्यक्ष मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवार्डी और ओलिंपिक मेडलिस्ट एमसी मैरी कॉम हैं और इसमें कई प्रमुख खिलाड़ी और खेल प्रशासक मौजूद हैं और ये स्वतंत्र रूप से अपना काम कर रही है.
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— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) January 18, 2023
3 दिन के धरने से हिला देश
18 जनवरी को अचानक से नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती के मौजूदा सबसे बड़े नाम और कई युवा पहलवान अचानक धरने पर बैठ गए थे. इस दौरान वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडलिस्ट फोगाट, ओलिंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे नामों ने WFI अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चो खोल दिया था. इस धरने ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.
उन्होंने युवा महिला खिलाड़ियों के शारीरिक शोषण और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे. तीन दिन तक चले धरने के बाद खेल मंत्री ने जांच के आश्वासन दिए, जिसके बाद धरना खत्म हुआ था.
जांच पूरी होने तक खेल मंत्रालय ने WFI अध्यक्ष बृजभूषण को फेडरेशन के काम-काज से खुद को अलग करने का आदेश भी दिया था और निगरानी समिति को ही फेडरेशन की जिम्मेदारी सौंपी थी. खेल मंत्रालय के अलावा भारतीय ओलिंपिक संघ ने भी एक जांच समिति बनाई थी. उसकी रिपोर्ट भी कुछ दिनों में आने की उम्मीद है.