Haridwar: जिम ट्रेनर, 5 बहनों में अकेला भाई… कौन था वसीम उर्फ मोनू जिसकी मौत पर उत्तराखंड में मचा बवाल?
जिम ट्रेनर वसीम उर्फ मोनू की मौत के बाद उत्तराखंड की हरिद्वार पुलिस निशाने पर है. हरिद्वार पुलिस पर वसीम को गो-तस्कर बताकर उसकी हत्या के आरोप लग रहे हैं, जबकि पुलिस का कहना है कि वसीम की तालाब में डूबकर मौत हुई थी. वहीं अब इस मामले पर सियासत भी तेज हो गई है.
हरिद्वार के रुड़की में जिम ट्रेनर वसीम उर्फ मोनू की हुई संदिग्ध मौत के बाद बवाल मचा हुआ है. गुरुवार को कांग्रेस सांसद इमरान मसूद, उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत और कई कांग्रेस नेता मृतक वसीम के घर सोलहपुर पहुंचे. दरअसल, पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वसीम की मौत तालाब में डूबकर हुई थी, जबकि परिजनों का आरोप है कि वसीम को गौ-तस्कर बताकर पुलिस ने उसकी हत्या कर दी. वहीं कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद कहा कि वह वसीम को न्याय दिलाएंगे.
वहीं बात अगर वसीम उर्फ मोनू की करें तो उसे जिम का काफी शौक था. वह रुड़की के अपने सोलहपुर गांव में ही जिम चलाता था और खुद अपनी जिम का ट्रेनर भी था. वसीम के जिम के कुछ फोटो-वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें वह बॉडी-बिल्डिंग करता हुआ दिखाई दे रहा है. इसके साथ-साथ वसीम इलेक्ट्रॉनिक का काम भी जानता था. वह फ्रिज, वॉशिंग मशीन और घरों की लाइट ठीक करता था. इलेक्ट्रॉनिक के काम के सिलसिले में भी वह अक्सर बाहर रहता था.
घर में अकेला ही कमाने वाला था वसीम
वसीम उर्फ मोनू अपने घर में सबसे बड़ा था. उससे छोटी उसकी पांच बहनें हैं. घर में वही अकेला कमाने वाला था. पिता मजदूरी किया करते थे. वसीम के सिर पर अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी. उसकी मौत के बाद से परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. माता-पिता पुलिस पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं. माता-पिता का कहना है कि गो-तस्कर बताकर उनके बेटे की हत्या कर दी गई, जबकि वह तो सिर्फ अपने काम से मतलब रखता था. अपनी जिम चलाता था, इलेक्ट्रॉनिक के काम से भी उसे दो-चार पैसे मिल जाया करते थे.
डूबने से हुई वसीम उर्फ मोनू की मौत?
बीती 24/25अगस्त की रात रुड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव में पुलिस की गो संरक्षण स्क्वायड की टीम ने दावा किया कि एक स्कूटर सवार मुस्लिम युवक को कथित गोमांस के साथ पकड़ने के प्रयास किया, जिसमें युवक वसीम उर्फ मोनू तालाब में कूद गया, जिससे उसकी डूबने से उसकी मौत हो गई. वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की गो संरक्षण स्क्वायड की टीम ने वसीम का नाम पूछने के बाद उसकी बेरहमी से पिटाई की और बाद में उसे तालाब में डाल दिया.
हरिद्वार पुलिस ने क्या कहा?
वहीं हरिद्वार पुलिस द्वारा जारी बयान के मुताबिक, रविवार की सुबह कोतवाली गंगनहर इलाके में गो रक्षा दल ने गोमांस तस्करी की सूचना दी थी. सूचना मिलने के बाद उन्होंने माधोपुर गांव में एक संदिग्ध स्कूटी सवार को रोका था. पुलिस ने दावा किया कि इसके बाद वह शख्स स्कूटी छोड़कर भागने लगा और गांव के ही एक तालाब में कूद गया, जहां डूबने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इलाके के ग्रामीणों ने पुलिस टीम को घेर लिया और आरोप लगाया कि पुलिस ने संदिग्ध शख्स के साथ मारपीट करके उसे तालाब में फेंक दिया और बाहर निकलने नहीं दिया, जिससे उसकी मौत हो गई.
ग्रामीणों ने पुलिस पर धमकाने का आरोप लगाया
ग्रामीणों ने दावा किया कि जब वह स्थान पर पहुंचे तो गो संरक्षण स्क्वायड की टीम ने उनको बंदूकों से धमकाया और वहां से जाने को कहा. ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कार्रवाई की मांग की. आरोप है कि गो संरक्षण स्क्वायड की टीम ने युवक की हत्या की है. बचाने गए ग्रामीणों को भी धमकाया गया. इस मामले में पुलिस ने गो संरक्षण स्क्वायड टीम के दारोगा की तहरीर पर नामजद समेत सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.