जो अपनों का सगा नहीं वो जनता का क्या होगा, अखिलेश यादव का बीजेपी पर तंंज
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संविधान, आरक्षण और जातीय जनगणना के मुद्दें को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. सपा सांसद ने बीजेपी को जन-विरोधी बताते हुए कहा कि वह अपनों की ही सगा नहीं है तो जनता की क्या होगी.
Akhilesh Yadav On BJP: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को बीजेपी पर तंज कसा है. सपा नेता ने संविधान, आरक्षण और जातीय जनगणना के मुद्दें को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. सपा सांसद ने बीजेपी को जन-विरोधी बताते हुए कहा कि वह अपनों की ही सगा नहीं है तो जनता की क्या होगी.
सपा नेता अखिलेश यादव का इशारा हाल में जातीय जनगणना के मुद्दें पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत के बयान पर था. जहां बीजेपी ने मंडी से सांसद के बयानों से किनारा कर लिया था. सपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी ऐसी बातें सीधे कहने की बजाय अपने दशमुखियों से करवाती है. और जब जन-विरोध बढ़ता है तो मोहरे बने बेचारों से पल्ला झाड़ लेती है.
बीजेपी अपनों की ही सगी नहीं है- अखिलेश यादव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए बीजेपी पर यह टिप्पणी की है. उन्होंने पोस्ट में लिखा कि, ‘बीजेपी जिस तरह से संविधान को बदलने की बात कहकर आरक्षण को अप्रत्यक्ष रूप से नकारती है, उसी तरह से समाज-विभाजन की बात कहकर जातीय जनगणना को नकारती है.’
भाजपा जिस तरह से संविधान को बदलने की बात कहकर आरक्षण को अप्रत्यक्ष रूप से नकारती है, उसी तरह से समाज-विभाजन की बात कहकर जातीय जनगणना को नकारती है। जन-विरोधी भाजपा ऐसी बातें सीधे कहने की बजाय अपने दशमुखियों से करवाती है और जब जन-विरोध बढ़ता है तो बेशर्मी से वापस लेने की बात भी
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 29, 2024
उन्होंने आगे कहा कि, ‘जन-विरोधी बीजेपी ऐसी बातें सीधे कहने की बजाय अपने दशमुखियों से करवाती है और जब जन-विरोध बढ़ता है तो बेशर्मी से वापस लेने की बात भी करती है और मोहरे बने बेचारों से पल्ला झाड़ लेती है. ऐसे में वो बेचारे, जनता का आक्रोश झेलने के लिए मुंह ताकते रह जाते हैं बेसहारे. बीजेपी अपनों की ही सगी नहीं है, जनता की क्या होगी.’
‘अलीगढ़ के खैर वाले कह रहे हैं, इस बार BJP की खैर नहीं’
इसके अलावा सपा प्रमुख ने कहा कि, ‘अलीगढ़ के खैर वाले कह रहे हैं, इस बार भाजपा की खैर नहीं.’ उत्तर प्रदेश में कुल 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इसमें अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट भी शामिल है. उपचुनाव को लेकर प्रदेश में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. बीजेपी जहां उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में हुए खराब प्रदर्शन से उबरना चाहती हैं वहीं, सपा अपनी लय बरकरार रखने की तैयारी में लगी है.
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उत्तर प्रदेश में करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर समेत 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इन 10 विधानसभा सीटों में से पांच सपा के पास, चार बीजेपी और एक एनडीए के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी. सपा के पास सीसामऊ, कटेहरी, मिल्कीपुर करहल और कुंदरकी थीं. वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर बीजेपी के पास औ मीरापुर राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी.