गुजरात का यू.एन. मेहता अस्पताल… जहां हृदय रोगियों को मिलता है नया जीवन
गुजरात स्वास्थ्य क्षेत्र में अपने कुशल पेशेवरों और अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं, सुविधाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ भारत में हृदय रोग से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यू.एन. मेहता अस्पताल ह्रदय उपचार के लिए यशस्वी होता जा रहा है. यहां ह्रदय रोग के मरीजों की संख्या 2020 में 13,615 से बढ़कर 2023 में 29,510 हो गई वहीं हृदय सर्जरी कराने वालों की संख्या 2020 में 3,267 से बढ़कर 2023 में 7,438 हो गई.
हाल के कुछ सालों में गुजरात हृदय की देखभाल के लिए एक अहम गंतव्य के रूप में उभरा है. भारत ही नहीं दुनिया भर आने वाले मरीजों के लिए आशा की किरण बन गया है. गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए प्रयासों और मौजूदा सीएम भूपेंद्र पटेल की स्वास्थ्य पहल से गुजरात भारत में हृदय रोग के उपचार के लिए एक मॉडल राज्य बन गया है.
हर साल 29 सितंबर को मनाए जाने वाले विश्व हृदय दिवस पर अहमदाबाद स्थित यू एन मेहता अस्पताल के प्रयासों के बारे में बताया जाना जरूरी है कि यहां का कार्डियोलॉजी और रिसर्च सेंटर गंभीर हृदय रोगों से जूझ रहे लोगों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है. यहां के मेडिकल स्टाफ और मॉडर्न सुविधाओं से लैस इस संस्थान ने अनगिनत लोगों की जिंदगियों को बदल दिया है.
4 माह के शिशु घनश्याम को मिला नया जीवन
गुजरात के जूनागढ़ जिले के केशोद की रहने वाली हिनाबेन और उनके पति सुरेशभाई का कहना है- जब हमें पता चला कि हमारे 4 महीने के बच्चे को गंभीर बीमारी है, तो हमारे पैरों तले ज़मीन खिसक गई. हमें अपने मासूम बच्चे की बहुत चिंता थी और यह सोच कर दिल बैठा जा रहा था कि हमारा बेटा ठीक हो भी पाएगा या नहीं. हृदय रोग के उपचार की लागत की बात सोचते ही हमारा दिल बैठ जाता था. लेकिन फिर हमें यू. एन. मेहता अस्पताल के बारे में पता चला और हमने अपने बच्चे का इलाज वहां कराने का फैसला किया. जिस तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं और प्यार व देखभाल हमें यू. एन. मेहता अस्पताल में मिली, उससे हम अभिभूत हो गए. गुजरात सरकार के स्कूल हेल्थ प्रोग्राम और यू. एन. मेहता अस्पताल में मिले मुफ्त इलाज की वजह से हमारा बेटा आज पूरी तरह स्वस्थ है और हमारे साथ है.
उनके 4 महीने के बेटे घनश्याम का गंभीर हृदय रोग का इलाज यू. एन. मेहता अस्पताल में कराया गया था. देखभाल और उपचार की वजह से उनके बच्चे को एक नया जीवन मिला. 26 जुलाई 2024 को घनश्याम की सर्जरी हुई.
16 वर्षीय प्रणय का बदला जीवन
इसी तरह गांधीनगर के 16 वर्षीय प्रणय सिंह वाघेला ने यू.एन. मेहता संस्थान में हृदय प्रत्यारोपण करवाया और अब वह एक स्वस्थ जीवन का आनंद ले रहे हैं. प्रणय कहते हैं- सर्जरी से पहले मैं बहुत डरा हुआ था, लेकिन स्टाफ ने मुझे घर जैसा महसूस कराया और डॉक्टरों ने बहुत ही कुशलता से मेरा हृदय प्रत्यारोपण किया. प्रणय का हृदय प्रत्यारोपण 27 सितंबर 2022 को हुआ था.
ये मार्मिक कहानियां यू. एन. मेहता संस्थान में आशा, साहस और जिम्मेदार देखभाल का प्रतीक है.
यू एन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर को जानें
पिछले साल में, यू. एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर ने अपने हार्ट प्रोसीजर्स की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जो 2020 में 13,615 से बढ़कर 2023 में 29,510 हो गई. वहीं, अगस्त 2024 तक, राज्य में 19,560 प्रोसीजर्स पूरे किए जा चुके हैं, जो भारत में हृदय देखभाल में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती हैं.
यू. एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर जटिल सर्जरी के लिए भी एक केंद्र बनता जा रहा है.यहां की गई हृदय सर्जरी की संख्या 2020 में 3,267 से बढ़कर 2023 में 7,438 हो गई, और अगस्त 2024 तक 5,440 सर्जरी हो चुकी हैं, जिनमें कई उच्च जोखिम वाले हस्तक्षेप शामिल हैं.
बढ़ रही आउट पेशेंट और इन-पेशेंट सेवाओं की सुविधा
यू. एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर की ताकत मजबूत आउट पेशेंट और इन-पेशेंट देखभाल भी है. इस संस्थान में आउट पेशेंट विज़िट्स 2020 में 1,57,747 से बढ़कर 2023 में 3,35,124 हो गईं, और वहीं अगस्त 2024 तक इस अस्पताल में 2,41,033 मरीजों का उपचार हो चुका है. यहां इन-पेशेंट देखभाल सेवाएं भी विस्तार कर रही हैं, जिसमें नियमित निगरानी से लेकर पोस्ट-सर्जरी समर्थन तक की सेवाएँ शामिल हैं, जिससे गुजरात की हृदय देखभाल के रूप में प्रतिष्ठा और मजबूत हो रही है.
यू. एन. मेहता अस्पताल को मिल रही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि
यू. एन. मेहता अस्पताल अपने हृदय देखभाल व उपचार सेवाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि हासिल कर रही है. इस अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले हृदय रोग से संबंधित अंतरराष्ट्रीय मरीजों की संख्या 2020 में 21 से बढ़कर 2023 में 195 हो गई, और अगस्त 2024 तक यहां 134 और हृदय रोग से संबंधित अंतरराष्ट्रीय मरीजों ने अपना इलाज, जो इसकी सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली उपचार सेवाओं के कारण संभव हुआ है.
2022 में इसके पहले कुछ प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किए गए, और 2023 में 14 ऐसे प्रत्यारोपण सफल रहे. अगस्त 2024 तक, राज्य में 18 हृदय प्रत्यारोपण पूरे किए जा चुके हैं, जो इसके जटिल हृदय मामलों को संभालने की क्षमता को दर्शाता है.