भगवंत मान सरकार ही नहीं, सभी राजनीतिक दलों ने पंजाब के विकास के लिए वित्त आयोग से की सिफारिश

भगवंत मान सरकार ही नहीं, सभी राजनीतिक दलों ने पंजाब के विकास के लिए वित्त आयोग से की सिफारिश

पंजाब के राजनीतिक दलों ने अपने वैचारिक मतभेदों को भुलाकर राज्य के व्यापक हित के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित की. वित्त आयोग की सिफारिशें पंजाब का भविष्य तय करने में अहम साबित होंगी और सभी दलों ने आयोग से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद की है.

पंजाब के राजनीतिक दलों ने सोमवार को एकजुट होकर 16वें वित्त आयोग के समक्ष अपना साझा पक्ष रखते हुए राज्य के प्रमुख मुद्दों को उठाया और आयोग से विशेष अनुदान और योजनाओं की मांग की. राजनीतिक दलों ने आयोग से अपील की है कि केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपते समय पंजाब के हित में उनके सुझाव की सिफारिश की जाए. जिसमें आर्थिक विकास, कृषि विविधीकरण, स्थिरता और किसान कल्याण, औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष धन के अलावा सामाजिक कल्याण , शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा बुनियादी ढांचे का विकास के लिए विशेष फंड देने की मांग की गई है.

पार्टियों ने देश की खाद्य सुरक्षा, सैन्य कर्मियों के बलिदान और सांस्कृतिक विरासत में पंजाब के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करते हुए केंद्र से मदद मांगी. एक संयुक्त प्रस्तुति देते हुए पंजाब के राजनीतिक दलों ने अपने वैचारिक मतभेदों को भुलाकर राज्य के व्यापक हित के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित की. वित्त आयोग की सिफारिशें पंजाब का भविष्य तय करने में अहम साबित होंगी और सभी दलों ने आयोग से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद की है.

Punjab Ministers

इन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा

वित्त आयोग के सामने प्रदेश का केस रखने वाले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों में आम आदमी पार्टी से कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, विधायक कुलवंत सिंह, जगरूप सिंह गिल और आप के गुरिंदर सिंह गैरी वड़िंग, कांग्रेस से पूर्व कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला, पूर्व विधायक कुलदीप सिंह वैद और हरदीप सिंह किंगरा, अकाली दल के पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा और महेशिंदर सिंह ग्रेवाल, भाजपा के डॉ. जगमोहन सिंह राजू और हरजीत सिंह ग्रेवाल और बसपा के प्रदेश अध्यक्ष जसबीर सिंह गढ़ी और पार्टी विधायक डॉ. नछत्तर पाल शामिल थे.

स्थानीय निकाय विभाग ने मांगे 9,426.49 करोड़ रुपए

पंजाब के स्थानीय निकाय विभाग ने 16वें वित्त आयोग को एक व्यापक प्रस्ताव सौंपते हुए शहरी क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओं के सुधार के लिए 9,426.49 करोड़ रुपए की मांग की. विभाग ने अग्निशमन सेवाओं (1,626 करोड़ रुपए), वर्षा जल निपटान प्रणाली के लिए (4,067.49 करोड़ रुपए), सीवेज सिस्टम और एसटीपी के लिए (3,133 करोड़ रुपए), टिकाऊ शहरी परिवहन के लिए (500 करोड़ रुपए) और स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स के के लिए (100 करोड़ रुपए) की मजबूती के लिए फंडों की विशेष रूपरेखा तैयार की है.

विभाग ने पंजाब में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) का एक सिंहावलोकन भी प्रदान किया, जिसमें वर्गीकरण और जनसंख्या वितरण, शहरीकरण के रुझान, प्रमुख राजस्व स्रोतों और प्रगति सहित विभिन्न अन्य संकेतक संबंधी कारगुजारी पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर पटियाला शहरी से विधायक और पूर्व मेयर अजीतपाल सिंह कोहली, नगर परिषद भदौड़ के अध्यक्ष मनीष कुमार और नगर परिषद मंडी गोबिंदगढ़ के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह प्रिंस ने भी वित्त आयोग के साथ अपने बहुमूल्य विचार साझा किए और प्रार्थना की कि वे भारत सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपते समय उनकी मांगों को रिपोर्ट में शामिल करना सुनिश्चित करें.

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ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने भी मांगे 10,000 करोड़ के फंड

वहीं पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने 16वें वित्त आयोग के साथ बैठक के दौरान राज्य में ग्रामीण स्थानीय इकाइयों के विकास के लिए फंड में बढ़ोतरी की मांग की है. बैठक के दौरान एक प्रस्तुति में विभाग ने अपने प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डाला, जिसमें भूजल को रिचार्ज करने, गंदे पानी का प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, टिकाऊ ऊर्जा और आम संपत्तियों का रखरखाव करना शामिल है.

राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास और पंचायत आलोक शेखर ने 16वें वित्त आयोग से 10,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि प्रदान करने का अनुरोध किया, जिसमें 8,000 करोड़ रुपये बंधी हुई निधि और 2,000 करोड़ रुपए अनटाइड अनुदान के रूप में शामिल हैं, जिससे विभाग की अहम पहल को सफलतापूर्वक लागू करने में मदद मिलेगी.