नोएडा का फर्जी पता, खर्चा 15000 रुपये… पासपोर्ट बनवाने वाले गैंग का खुलासा; क्या है अंडमान कनेक्शन?

नोएडा पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से पासपोर्ट बनवाने वाले गिरोह का खुलासा किया है. गैंग के सदस्य नोएडा के फर्जी पते पर रेंट एग्रीमेंट बनवाकर पासपोर्ट का आवेदन करवाते थे. पुलिस ने इनके कब्जे से कंप्यूटर बरामद किया, जिसमें करीब 500 आवेदनों के सुबूत मिले हैं.
उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों से पासपोर्ट बनाने वाले गैंग का खुलासा किया है. आरोपी फर्जी पते पर पासपोर्ट बनवा देते थे. इसके लिए वह गाजियाबाद के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारियों की मदद लिया करते थे. गैंग का धंधा खूब फल-फूल रहा था. खुलासा तब हुआ जब एक कांस्टेबल पासपोर्ट बनने की प्रक्रिया में दो आवेदकों के पते का वेरिफिकेशन करने उस जगह पहुंचा, जहां वह अन्य पासपोर्ट के संबंध में कई बार आ चुका था. जांच पड़ताल की गई तो हैरान करने वाले मामले का खुलासा हुआ.
पुलिस ने छापा मारकर बीते महीने गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया. इनमें एक आरोपी जनसेवा केंद्र चलाता था. पुलिस ने उसके कंप्यूटर चेक किए. उसके पीसी में पासपोर्ट के लिए किए गए 500 आवेदनों के सबूत मिले थे, जिनमें से अधिकांश फर्जी दस्तावेजों के साथ थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इनमें से कई आवेदनों को मंजूरी दे दी गई और पासपोर्ट जारी किए गए हैं.
तत्काल बनवाना था पासपोर्ट
मीडिया में छपी रिपोर्टों के मुताबिक, नोएडा पुलिस का कांस्टेबल जिन दो आवेदकों के पते के वेरिफिकेशन के लिए पहुंचा था. वह दोनों आवेदक अंडमान के रहने वाले एस विनोद कुमार और संजीद हैं. उन्होंने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह दोनों क्यूनेट नाम की मार्केटिंग कंपनी में बिक्री प्रमोटर के तौर पर काम करते हैं. उनकी कंपनी का दुबई में एक कार्यक्रम था, इसके लिए उन्हें तत्काल पासपोर्ट की जरूरत थी. उन्होंने पासपोर्ट के लिए कंपनी में एक अन्य शख्स को बताया.
15 हजार रुपये खर्चा
उसने दोनों को सचिन जौहरी नाम के एक शख्स के पास भेजा. वह गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस में जल्दी प्रोसेस के जरिए पासपोर्ट बनवाता था. वह इसके बदले एक आवेदक से 15 हजार रुपये लेता था. इसमें उसकी मदद संदीप कुमार करता था, जिसका आरपीओ के पास एक ऑफिस है. वह पासपोर्ट आवेदन में किसी तरह की बाधा न आए, इसके लिए प्रति आवेदक से 3 से 4 हजार रुपये लेता था. विनोद और संजीद ने सचिन जौहरी से संपर्क कर उनसे जल्द से जल्द पासपोर्ट बनाने के ली आवेदन कराया.
नोएडा का फर्जी पता
सचिन जौहरी ने इसके लिए दोनों के ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गोल्फ होम्स का एक फ्लैट के पते पर फर्जी रेंट एग्रीमेंट बनवाए. इसके जरिए अंडमान के दोनों लड़के ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गोल्फ होम्स के निवासी बन गए. इसी पते पर उनके पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया. साथ ही इसी पते पर उनके फर्जी आधार कार्ड भी बनवा दिए. पासपोर्ट आवेदन के वेरिफिकेशन के लिए पुलिस कांस्टेबल उसमें दर्ज पते पर पहुंचा तो. उसने वहां जाकर पाया कि वह इस जगह पर पासपोर्ट के वेरिफिकेशन के लिए कई बार आ चुका है. उसे शक हुआ. कांस्टेबल ने जब फ्लैट पर पहुंचकर घंटी बजाई तो अंदर से कोई जवाब नहीं आया.
ऐसे हुआ खुलासा
उसने फ्लैट के मालिक से संपर्क किया और उनसे जाना कि क्या उनके फ्लैट में विनोद और संजीद किराएदार हैं. फ्लैट मालिक ने ऐसे किस भी किराएदार के होने से इनकार किया. कांस्टेबल का शक गहराया. उसने आवेदन में लिखे मोबाइल नंबर पर विनोद और संजीद से संपर्क किया. दोनों ने कांस्टेबल से कहा कि वह गौर सिटी 2 में महागुन मार्ट की एक दुकान पर आ जाएं. वह बताए हुए पते पर पहुंचा. उन्होंने दोनों से रेंट एग्रीमेंट और आधार कार्ड मांगे. सभी दस्तावेज उन्होंने उपलब्ध करा दिए, जिस पर गोल्फ होम्स का ही पता था.
पुलिस ने पकड़ा गिरोह
कांस्टेबल को उनपर शक हुआ. उसने अपने अधिकारी को इससे अवगत कराया. उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. पुलिस ने सचिन जौहरी को भी गिरफ्तार किया. उसके पास मिले कंप्यूटर को कब्जे में लिया गया. उसमें पिछले दो सालों में फर्जी दस्तावेजों के जरिए करीब 500 पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था, जिसमें पिछले छह महीनों में आरपीओ को 120 आवेदन भेजे गए थे. नोएडा पुलिस ने गैंग के बाकी सदस्यों को गिरफ्तार कर गैंग का पर्दाफाश किया.