जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 3 नागरिकों की मौत पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश, ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी का तबादला

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 3 नागरिकों की मौत पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश, ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी का तबादला

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में तीन आम नागरिकों की कथित हिरासत में मौत के मामले में पुलिस ने अज्ञात आरोपी सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ हत्या के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस की ओर से केस दर्ज किए जान के बाद सेना ने मामले की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू कर दी है.

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादी हमले के बाद पूछताछ के लिए हिरासत में लिए तीन नागरिकों की मौत का मामला तुल पकड़ चुका है. तीन नागरिकों की मौत पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है. मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद सेना की ओर से घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी भी शुरू कर दी गई है.

पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि घटना को गंभीरता से लेते हुए सेना के एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी का तबादला कर दिया गया है और 48 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. हिरासत में तीन लोगों की मौत के पीछे यातना दिया जाने के आरोप लगा है. तीन आम नागरिकों के बाद जम्मू-कश्मीर की जनता में आक्रोश भी देखने को मिला है.

आतंकी हमले के बाद सेना ने नागरिकों को हिरासत में लिया था

दरअसल, 21 दिसंबर को पुंछ के सुरनकोट इलाके में ढेरा की गली और बफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर पहले से घात लगाए बैठे आतंकवादियों ने वहां से गुजर रहे सेना के वाहन पर हमला बोल दिया. आतंकियों के हमले में सेना के तीन जवान शहीद हो गए. घटना की जांच के लिए सेना ने पूछताछ के लिए तीन आम नागरिकों कथित तौर पर हिरासत में लिया था. हिरासत में लिए जाने के ठीक एक दिन बाद यानी 22 दिसंबर को तीन मृत पाए गए थे. इन तीनों की उम्र 27 से 42 के बीच थी.

ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी का तबादला

सूत्रों के कहा कि घटना की जांच को बढ़ाते हुए सेना ने कथित यातना और उसके बाद तीन नागरिकों की मौत की घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू कर दी है. सूत्रों ने कहा कि घटना के बाद सेना ने सुरनकोट क्षेत्र के प्रभारी ब्रिगेडियर लेवल के अधिकारी का तबादला कर दिया और घटना से संबंधित यूनिट के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

नागरिकों की मौत के पीछे चोटों को बताया जा रहा जिम्मेदार

एक अधिकारी ने मामले में दर्ज प्राथमिकी के हवाले से बताया है कि 21 दिसंबर को हुई आतंकी घटना के बाद सेना के जवानों ने फरार हुए आतंकवादियों की तलाश में बफलियाज के टोपा पीर में तलाशी ली थी. तलाशी के दौरान सेना के जवानों ने घटना के बारे में पूछताछ करने के लिए कुछ स्थानीय युवाओं को हिरासत में लिया था. हिरासत में लिए जाने के अगले दिन शामिल सफीर अहमद, मोहम्मद शौकत और शब्बीर अहमद मृत पाए गए थे. कथित तौर पर इन तीनों नागरिकों की मौत चोटों के कारण हुई है.

पुलिस अलग से पेश करेगी रिपोर्ट

अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार का मामला आईपीसी की धारा 302 के तहत संज्ञेय अपराध बनता है. मामला विशेष प्रकृति का है इसलिए जांच शुरू होने पर अलग से विशेष रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी. बता दें कि तीन नागरिकों की मौत के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई राजनीतिक दलों ने सरकार पर निशाना साधा था.

नेशनल कांफ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अब भी जीवित है. आतंकवाद का खात्मा सेना या फिर पुलिस के इस्तेमाल से नहीं किया जा सकता. उन्होंने केंद्र सरकार से आतंकवाद के मूल कारण को समझने के लिए उपाय खोजने का अनुरोध किया.