मिट्टी में मिला देंगे…कश्मीर में सेना का बड़ा एक्शन, दो और आतंकियों के घर ढहाए

पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की हत्या कर दी. सेना की वर्दी में आए आतंकवादियों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से घाटी में सेना का एक्शन लगातार जारी है. शुक्रवार को दो और आतंकियों के घर धमाके कर ध्वस्त कर दिए गए. पुलवामा के मुर्रान में जैश-ए-मोहम्मद के एक्टिव आतंकी अहसान उल हक घर उड़ाया गया. इसने 2018 में पाकिस्तान जाकर ट्रेनिंग ली थी. 2018 में पाकिस्तान में ट्रेंड अहसान हाल ही में घाटी में फिर से दाखिल हुआ था.
पुलवामा के ही काचीपोरा इलाके में लश्कर (LeT) आतंकी हारिस अहमद का घर ध्वस्त किया गया. लश्कर आतंकवादी हारिस अहमद, 2023 से सक्रिय है. सुरक्षा बलों ने कुलगाम जिले में हथियार और गोला-बारूद के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
लश्कर के दो आतंकवादियों के घर ध्वस्त
इससे पहले पहलगाम आतंकवादी हमले में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दो आतंकवादियों के जम्मू कश्मीर स्थित घर विस्फोट में नष्ट कर दिए गए. ये घर गुरुवार रात को विस्फोट में नष्ट हुए. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बल लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों आदिल हुसैन थोकर और आसिफ शेख के मकानों में तलाशी ले रहे थे, तभी वहां पहले से रखे विस्फोटकों में विस्फोट हो गया.
हमले के मुख्य आरोपियों में शामिल
उन्होंने बताया कि विस्फोटकों के कारण मकान नष्ट हो गए. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले का निवासी थोकर मंगलवार को पहलगाम में किए गए हमले के मुख्य आरोपियों में शामिल है जबकि पुलवामा जिले के त्राल निवासी शेख के भी हमले की साजिश में शामिल होने का संदेह है.
पर्यटकों पर आतंकी हमला
पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की हत्या कर दी. सेना की वर्दी में आए आतंकवादियों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी. 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं.
टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी
इस हमले में करीब 14 लोग घायल हो गए हैं. तीन जुलाई से शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा से पहले इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है. फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है. उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे.