अतीक-अशरफ हत्याकांड: SC पहुंची योगी सरकार, बोली- हमारा पक्ष सुने बिना आदेश न दें
Atiq Ahmed-Ashraf Murder: गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात तीन बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. जिस समय इस घटना को अंजाम दिया गया उस समय दोनों भाई पुलिस की रिमांड कस्टडी में थे.
गैंगस्टर अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि शुक्रवार, 28 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में बिना उसके पक्ष को सुने कोई आदेश पारित नहीं किया जाए.
दरअसल, एडवोकेट विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर अतीक-अशरफ हत्याकांड की शीर्ष न्यायालय के रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग की है. कोर्ट इस याचिका पर 28 अप्रैल को सुनवाई करेगा.
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उच्चतम न्यायालय की ओर से मामले पर सुनवाई से दो दिन पहले यूपी सरकार ने कैविएट दाखिल किया है. यह सुनवाई जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच में होनी है. माफिया डॉन अतीक और उसके भाई अशरफ की पुलिस सुरक्षा के बीच हत्या कर दी गई थी.
मेडिकल चेकअप के लिए जाते वक्त मारी गोली
बदमाशों ने इस घटना को उस समय अंजाम दिया था जब पुलिस दोनों भाईयों को लेकर प्रयागराज के काल्विन अस्पताल में रूटीम मेडिकल चेकअप के लिए ले जा रही थी, लेकिन अस्पताल के गेट के सामने ही तीन हमलावरों ने गोलियों से भून दिया था. घटनास्थल पर ही तीनों हमलावरों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
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जिन तीन बदमाशों ने अतीक और अशरफ को गोलियों से भूना है उनकी पहचान लवलेश तिवारी, शनि और अरुण मौर्या के रूप में हुई है. लवलेश तिवारी हत्याकांड का मुख्य आरोपी है जो कि बांदा जिले का रहने वाला है. तीनों आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड है और हत्या जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं.
दो दिन पहले ही एनकाउंटर में ढेर हुआ था अतीक का बेटा
वहीं, उमेश पॉल हत्याकांड के बाद से फरार चल रहे अतीक के बेटे असद को यूपी एसटीएफ ने 13 अप्रैल को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. एसटीएफ ने असद के साथ-साथ उसके शूटर गुलाम को भी ढेर कर दिया था. बेटे के एनकाउंटर के ठीक दो दिन बाद यानी 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ को गोलियों से उड़ा दिया गया.