हमें सांस्कृतिक टकराव नहीं बल्कि तालमेल पर जोर देना है, सौराष्ट्र-तमिल संगमम में बोले PM मोदी
Saurashtra Tamil Sangamam: सौराष्ट्र तमिल संगमम की शुरुआत 17 अप्रैल को हुई थी. आज इसका समापन कार्यक्रम सोमनाथ में चल रहा है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया.
इतनी बड़ी संख्या में आप लोग अपने पूर्वजों की धरती पर आए हैं, आपके चेहरे की खुशी देखकर मैं कह सकता हूं कि आप लोग यहां से अपने साथ ढेरों यादें और भावुक कर देने वाला अनुभव यहां से लेकर जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौराष्ट्र-तमिल संगमम के समापन समारोह में यह बात कही है.
बुधवार को सोमनाथ में हो रहे इस कार्यक्रम में पीएम मोदी वर्चुअली शामिल हुए थे. जहां, प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं गद-गद हृद से अपनों के बीच उपस्थित हूं. हमारी विविधता हमले बांटती नहीं है बल्कि बंधन को और मजबूत बनाती है.
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लोगों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि हम जानते हैं कि अलग-अलग धाराएं जब एक साथ आती हैं तो संगम की उत्पत्ति होती है. इन परंपराओं को सदियों से हम पालते-पोसते आए हैं. आज आजादी के इस अमृकाल में हम सौराष्ट्र-तमिल संगमम जैसे कार्यक्रमों की नई परंपरा के गवाह बन रहे हैं.
LIVE: PM Shri @narendramodi‘s remarks at Saurashtra-Tamil Sangamam.https://t.co/1fIQr6zB5l
— BJP (@BJP4India) April 26, 2023
‘तोड़ने और भटकाने वाले लोग भी मिलेंगे’
पीएम ने देश को आगे लेकर जाने की बात करते हुए कहा कि इस रास्ते में तोड़ने और भटकाने वाले लोग भी मिलेंगे. आज हमारे पास 2047 के भारत का टारगेट है. हमरा इस देश में विषम परिस्थितियों में भी कुछ नया करने की क्षमता है. हमें अपनी संस्कृतियों को लेकर टकराव नहीं बल्कि तालमेल पर जोर देना है.
पीएम मोदी के भाषण की अहम बातें-
– भारत एक ऐसा देश है जो विविधता का जश्न मनाता है. हम सभी विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और रीति-रिवाजों का जश्न मनाते हैं.
– यह देश आस्था से आध्यात्मिकता तक विविधता को अपने भीतर समेटता और फिर उसका जश्न मनाता है. यही हमारे देश की खूबसूरती है.
– हमें राष्ट्र निर्माण के लिए आगे बढ़ना है. हमारा ये देश विविधता में जीने वाला देश है. आस्था से लेकर आध्यात्म तक हर जगह विविधता है.
– हम देश की अलग-अलग नदियों को नमन करते हैं. विविधता हमाको बांटती नहीं हैं बल्कि यह हमें मजबूत बनाती है.
– आज जब देश की एकता आकार ले रही है तो सरदार साहब हमें आशीर्वाद दे रहे होंगे. ये उनके सपनों को भी पूरा कर रहा है जिन्होंने बलिदान देकर एक भारत, श्रेष्ठ भारत का सपना देखा था.
– सबको स्वीकार कर आगे बढ़ने की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें संघर्षों को नहीं बल्कि संगमों को आगे बढ़ाना है. भेद नहीं भावनात्मक रिलेशन बनाने हैं.