3 करोड़ की जमीन 14 लाख में खरीदी, फिर बनाई बिल्डिंग… अतीक के काले कारनामों का लेखा-जोखा

3 करोड़ की जमीन 14 लाख में खरीदी, फिर बनाई बिल्डिंग… अतीक के काले कारनामों का लेखा-जोखा

सिविल लाइंस में जबरन अपने नाम कराई गई जमीन पर अतीक अहमद ने 25 लाख की लागत से एक व्यावसायिक भवन का निर्माण भी करा लिया था. सत्ता बदलने पर माफिया के खिलाफ प्रशासन का हंटर चला और इस व्यावसायिक भवन पर बुलडोजर चलाकर उसे जमींदोज कर दिया गया.

माफिया अतीक अहमद भले ही इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसके काले कारनामें मौत के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहे हैं. अतीक की काली कमाई की कलई एक-एक कर खुल रही है. अतीक अहमद ने अपने बाहुबल का इस्तेमाल करते हुए प्रयागराज के सिविल लाइंस में एक बेशकीमती जमीन अपने नाम करा ली थी, जिसकी कीमत लगभग तीन करोड़ बताई जा रही है.

यह जमीन शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस के एमजी मार्ग पर हाईकोर्ट हनुमान मंदिर के पास है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण की ओर से शहर में हो रहे अवैध निर्माण की पड़ताल में इसका खुलासा हुआ है. पीडीए के अधिकारियों के मुताबिक, सिविल लाइंस की इस नजूल की जमीन की कीमत 2.85 करोड़ रुपये थी, जिसे अतीक अहमद ने महज 14 लाख में आपने नाम करा लिया था. पड़ताल में जमीन से जुड़े दस्तावेजों के हाथ लगने पर माफिया की अपराध से अर्जित संपत्ति के संबंध मे कई खुलासे हुए .

पता चला है कि वर्ष 2006 में इस जमीन पर माफिया की नजर गई थी. उसने एमजी मार्ग निवासी अब्दुल से इस जमीन का सौदा किया और अप्रैल 2006 में ही इस जमीन का बैनामा अतीक ने अपने नाम कराया. बैनामे में जमीन की कुल सरकारी मालियत 57 लाख रुपये दर्शायी गई. नियमानुसार 5.71 लाख की स्टाम्प ड्यूटी भी दी गई. लेकिन जमीन के लिए विक्रेता को महज 14 लाख रुपये अदा किए गए. पीडीए के मुताबिक अपनी दबंगई के चलते उसने इसमें कब्जा कर लिया.

कब्जे के बाद कमर्शियल बिल्डिंग भी बनवाई

अतीक की तत्कालीन सरकार में अच्छी पहुंच थी. सिविल लाइंस में जबरन अपने नाम कराई गई जमीन पर अतीक अहमद ने 25 लाख की लागत से एक व्यावसायिक भवन का निर्माण भी करा लिया था. सत्ता बदलने पर योगी सरकार के आने के बाद माफिया के खिलाफ प्रशासन का हंटर चला और इस व्यावसायिक भवन पर बुलडोजर चलाकर उसे जमींदोज कर दिया गया. कुछ दिनों तक यह यूं ही पड़ा रहा, लेकिन अभी कुछ दिनों पहले इस मलबे पर माफिया के गुर्गों ने फिर निर्माण शुरू कर दिया. यहां अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर पीडीए ने फिर कार्रवाई की है.