छतीसगढ़: 500 के नोट बांट फंसे कांग्रेस प्रत्याशी, दर्ज हुआ मुकदमा, क्या नहीं लड़ पाएंगे चुनाव?
बस्तर में पहले चरण में चुनाव होना है. नामांकन के लिए महज दो ही दिन बचे हुए हैं. इस बीच कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी कवासी लखमा एक नए विवाद में फंस गए हैं. पैसे बांटने के मामले में कवासी लखमा के खिलाफ जगदलपुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है.
छत्तीसगढ़ के बस्तर में आचार संहिता का उल्लंघन करने पर लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी और पार्टी के जिलाध्यक्ष पर एफआईआर दर्ज की गई है. दोनों पर चुनाव प्रचार करते समय होलिका दहन करने वाली समिति को नोट बांटने का आरोप है. इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की गई थी. उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
बस्तर लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा और कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप है. इनके खिलाफ इंडियन पेनल कोड की धारा 171 बी, 171 ग और 171 ई, एवं 188 और लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. जिले के जगदलपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है.
बांटे 500-500 के नोट
मामला रविवार की शाम का है. कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद कवासी लखमा जगदलपुर पंहुचे थे. वह मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन के बाद यहां पर होलिका दहन में लगे लोगों से मिले. इस दौरान उन्होंने होलिका दहन समिति के लोगों को 500-500 के नोट बांटना शुरू कर दिए. पैसे देते हुए वह तस्वीरों में कैद हो गए. उनकी यह फोटो वायरल हो गई. इस मामले में चुनाव आयोग के मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट जिला नोडल अधिकारी की शिकायत पर कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.
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6 बार विधायक रह चुके हैं लखमा
एफआईआर में कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा के साथ ही पार्टी के जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य को भी आरोपी बनाया गया है. दर्ज एफआईआर के अनुसार अध्यक्ष ने प्रत्याशी के शहर आगमन पर रैली निकालने की अनुमति जिला निर्वाचन आयोग से ली थी. आचार संहिता का उल्लंघन और लोक सेवक द्वारा सम्यक रूप से प्रख्यापित आदेश की अह्वेलना किए जाने का दोषी पाते हुए एमसीसी के जिला नोडल की शिकायत पर दोनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. कवासी लखमा कोंटा विधानसभा से 6 बार विधायक बने हैं. वह छत्तीसगढ़ के पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं.
रिपोर्ट-सुमित सेंगर/बस्तर