शिक्षक भर्ती में खुद को बताया दिव्यांग, नौकरी मिली फिर जांच में खुली पोल… तीन टीचर बर्खास्त
मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती मामले में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसमें तीन टीचर्स को बर्खास्त किया गया है, दरअसल टीचर्स भर्ती के बाद जिन टीचर्स ने दिव्यांगता का सर्टिफिकेट लगाया था, उनका फिर से मेडिकल किया गया. इसमें तीन टीचर्स को फर्जी पाया गया और उन पर कार्रवाई की गई.
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनवाकर नौकरी हासिल करने वाले टीचर्स पर कार्रवाई की खबर सामने आई है. दरअसल तीन प्रतिभागियों ने भर्ती के समय फर्जी दस्तावेज जमा किए थे और सरकारी टीचर बन गए थे. जांच के बाद इन तीनों टीचर्स को विभाग ने बर्खास्त कर दिया है. डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के आदेश पर तीनों टीचर्स पर ये कार्रवाई की गई है. जांच के दौरान टीचर्स के फर्जीवाड़े सामने आए हैं.
जानकारी के मुताबिक फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाकर रामगांवड़ी में पदस्थ प्राथमिक शिक्षक बंटी मीणा जो कि मुरैना के सबलगढ़ के चनोटा का रहने वाला है, सेटेलाइट स्कूल समाधिया का पुरा में पदस्थ प्राथमिक शिक्षक अजय कुमार शर्मा जो कि मुरैना के कैलारस तहसील के कुटरावली का रहने वाला है और सेटेलाइट स्कूल अडूसा में पदस्थ शिक्षक राजू शमां जो कि जौरा तहसील के गुजारना गांव का रहने वाला है. तीनों ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हासिल की थी. इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी आरएस तोमर ने तीनों को बर्खास्त किया है.
यह कार्रवाई लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देश पर कराई गई है. दरअसल इन टीचर्स की जांच कराई गई थी जिसमें ये दिव्यांग नहीं पाए गए, साथ ही इन्होंने जांच के दौरान भी सहयोग नहीं किया. फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाकर शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल करने का मामला पूरे प्रदेश में उठा था. इसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिलाधीशों को दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले शिक्षकों की चिकित्सा जांच कराने के निर्देश दिए थे. इसी क्रम में श्योपुर जिले में भी दिव्यांग प्रमाण पत्र हासिल कर पदस्थ हुए शिक्षकों की जांच जिलाधीश संजय कुमार के निर्देश पर कराई गई.
जांच जिला अस्पताल में मेडिकल बोर्ड ने ही की. बाद में शिक्षकों को चिकित्सा महाविद्यालय में जांच के लिए रेफर किया गया लेकिन वहां पर प्राथमिक शिक्षक बंटी मीणा, अजय कुमार शर्मा एवं राजू शर्मा उपस्थित नहीं हुए. जिला अस्पताल में की गई जांच में खरा नहीं उतरने और चिकित्सा महाविद्यालय में जांच कराने नहीं जाने पर प्रथम संज्ञान में बंटी मीणा, अजय कुमार शर्मा और राजू शर्मा का दिव्यांगता का प्रमाण पत्र फर्जी मानते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने तीनों शिक्षकों को बर्खास्त किया है.
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