क्या कोविड सिर्फ बहाना है? पहले भी फिजिकली एक्टिव नहीं थे बच्चे- रिसर्च में दावा
बच्चों और किशोरों के इनएक्टिव होने को लेकर साल 2022 में भी एक रिपोर्ट सामने आई. इसमें करीब 682 एक्सपर्ट्स ने बच्चों और किशोरों के लिए करीब 10 कॉमन फिजिकल एक्टिविटी का जिक्र भी किया.
कोविड के आने के बाद बच्चों में फिजिकल एक्टिविटी कम हो गई है. खेलना-कूदना, साइकलिंग जैसी फिजिकल एक्टिविटी के बजाय बच्चे अब ज्यादा वक्त स्मार्टफोन पर बिताना पसंद करते हैं. क्या आप जानते हैं कि फिजिकल इनएक्टिविटी दुनियाभर में मौत का चौथा बड़ा कारण मानी जाती है. एक नई रिसर्च सामने आई है जो बताती है कि बच्चे कोविड के बाद ही नहीं इससे पहले भी इनएक्टिव थे और इसका आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. 2016 में, दुनिया भर में 11-17 आयु वर्ग के 81 प्रतिशत किशोरों को शारीरिक रूप से निष्क्रिय माना गया. इसमें लड़कियां लड़कों की तुलना में कम सक्रिय थीं.
अगर साल 2016 के आंकड़ों पर ही गौर किया जाए तो विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत कई हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन बच्चों और किशोरों के शारीरिक रूप से सक्रिय न होने पर चिंता जता चुके हैं. ये अब डब्ल्यूएचओ समेत कई संगठनों के लिए बड़ा मुद्दा बन चुका है. बच्चों और किशोरों के इनएक्टिव होने को लेकर साल 2022 में भी एक रिपोर्ट सामने आई. इसमें करीब 682 एक्सपर्ट्स ने बच्चों और किशोरों के लिए करीब 10 कॉमन फिजिकल एक्टिविटी का जिक्र भी किया.
कोविड का असर
कोरोना के आने के बाद बच्चों और किशोरों के इनएक्टिवहोने की स्थिति और बढ़ गई. सर्वे में 90 फीसदी एक्सपर्ट्स ने बताया कि कोरोना ने बच्चों के व्यवहार को और नेगेटिव बना दिया है. लॉकडाउन की वजह से बच्चों को घर पर रहना पड़ा और वे बाहर न जाने के आदी बन गए. शोधकर्ताओं ने बच्चों के एक्टिव होने की एक एवरेज टाइमिंग निकाली और ये पाया कि बच्चों ने सच में घर के बाहर जाकर खेलना बंद कर दिया. एक और स्टडी के मुताबिक लोगों के स्टेप काउंट में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई.
अफ्रीकी बच्चे ज्यादा एक्टिव पाए गए
इस स्टडी में चार अफ्रीकन देशों को भी शामिल किया गया और ये पाया गया कि अफ्रीकन बच्चे दूसरे देशों के बच्चों के मुकाबले ज्यादा एक्टिव थे. इसका बड़ा कारण यहां ट्रांसपोर्ट से लेकर दूसरे स्रोतों की कमी रही. बच्चों और किशोरों को स्कूल जाने समेत दूसरे कामों के लिए पैदल ही निकलना पड़ता है और यहीं कारण है कोविड के दौरान यहां के बच्चे ज्यादा एक्टिव नजर आए.
बच्चों को एक्टिव बनाने के लिए साइकिलिंग, प्लेइंग स्पोर्ट्स और वॉकिंग जैसे तरीकों को अपनाएं. ऐसा करके आप उनकी हाइट से लेकर फिटनेस हर चीज का खास ख्याल रख पाएंगे.