सील और हस्ताक्षर फर्जी! सैकड़ों लोगों को बांट दिए पट्टे, अब FIR दर्ज कराने के लिए चक्कर काट रहे अफसर
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चित्तौड़गढ़ के बड़ी सादड़ी नगर पालिका क्षेत्र में रहने वाले गोविंद राम भोई के नाम पर एक हस्तांतरण पत्र और उस हस्तांतरण पत्र के आधार पर भूमि का पट्टा जारी किया गया. जिस पर नगर पालिका बड़ी सादड़ी के अधिशासी अधिकारी के पद का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे मुकेश मोहिल के हस्ताक्षर हैं.
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में सहकारी मंत्री गौतम दक के निर्वाचन और गृह क्षेत्र की नगरपालिका में अधिशासी अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर पट्टा जारी करने का मामला सामने आया है. अब खुद अधिकारी जब थाने में शिकायत दर्ज करवा रहे हैं तो पुलिस मामला दर्ज करने की बजाए परिवाद दर्ज कर कार्रवाई से बचने का प्रयास कर रही है. वहीं शिकायतकर्ता का आरोप है कि ऐसे सैकड़ों भूमि पट्टे हैं जो गलत तरीके से जारी हुए हैं. उसकी शिकायत के आधार पर नगर पालिका द्वारा कमेटी गठित कर दस्तावेजों की जांच की जा रही है.
दरअसल, बड़ी सादड़ी नगर पालिका क्षेत्र में रहने वाले गोविंद राम भोई के नाम पर एक हस्तांतरण पत्र और उस हस्तांतरण पत्र के आधार पर भूमि का पट्टा जारी किया गया. जिस पर नगर पालिका बड़ी सादड़ी के अधिशासी अधिकारी के पद का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे मुकेश मोहिल के हस्ताक्षर हैं. सोशल मीडिया पर इन दस्तावेजों के फर्जी होने की जानकारी वायरल हुई तो नगर पालिका ने अपने दस्तावेज खंगाले, जांच हुई तो सामने आया की यह दस्तावेज फर्जी हैं. तब तक उनकी तहसील कार्यालय में रजिस्ट्री भी हो चुकी थी. इसके बाद अधिशासी अधिकारी मुकेश ने थाना में शिकायत दी है. शिकायत की एक प्रतिलिपि पुलिस उपाधीक्षक को भी भेजी गई लेकिन अब तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के स्थान पर परिवाद केस दर्ज किया गया है.
खुद ही बन गए अधिकारी
मामले को लेकर जब अधिशासी अधिकारी मुकेश मोहिल ने बताया कि उनके द्वारा पुलिस को शिकायत दी गई है. उन्होंने इस बात की संभावना जताई है कि ऐसे और भी कई दस्तावेज हो सकते हैं, जिन्हें फर्जी तरीके से जारी किया गया है. इसके लिए जांच कमेटी बनाकर नगर पालिका बड़ी सादड़ी के पूरे रिकॉर्ड चेक कर रही है. दरअसल, हस्तांतरण प्रमाण पत्र पट्टा निर्माण भू उपयोग परिवर्तन ऐसे कार्य हैं, जिससे स्थानीय निकाय को आय होती है. इनके एवज में जमा किए जाने वाली राशि की रसीद जारी होती है. जिसका उपयोग विकास कार्य में होता है लेकिन यहां खुद ही अधिकारी बनकर हस्ताक्षर और सील लगा ली गई है.
सैकड़ों फर्जी हस्ताक्षर
इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक देशराज कुलदीप का कहना है कि उन्हें शिकायत मिली है कि परिवाद दर्ज कर जांच की जा रही है. जांच के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे मामले में शिकायत करने वाले और ज्ञापन देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता विनोद रांका ने कहा कि यह केवल एक दस्तावेज का मामला नहीं है बल्कि, ऐसे सैकड़ों दस्तावेज हैं जो गलत तरीके से फर्जी हस्ताक्षर कर जारी किए गए हैं. उन्होंने तीन दिन में मामले में जांच और कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
कांग्रेस ने उठाया मुद्दा
पूरा मामला प्रदेश सहकारिता मंत्री गौतम दक के निर्वाचन और गृह क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. गौतम दक के सामने आने के बाद अब विपक्ष ने भी हमला बोल दिया है. पूर्व पालिका अध्यक्ष और कांग्रेस के पार्षद दिलीप चौधरी ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिली है, लेकिन अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं होना विचारणीय है. मंत्री के क्षेत्र के मामले में इस तरह की स्थिति होना मंत्री जी के खुद के लिए सोचने वाली बात है. कांग्रेस नेता ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.
(रिपोर्ट- सुभाष/चित्तौड़गढ़)