CM मोहन यादव की सौगात, मंत्रिपरिषद की बैठक में सिंहस्थ और किसानों के लिए हुए कई बड़े ऐलान

CM मोहन यादव की सौगात, मंत्रिपरिषद की बैठक में सिंहस्थ और किसानों के लिए हुए कई बड़े ऐलान

मंत्रि-परिषद ने आईआईटी इंदौर द्वारा डीप टेक रिसर्च एंड डिस्कवरी केंपस उज्जैन में स्थापित करने के लिए स्वीकृति प्रदान की है. इसके लिए 237 करोड़ रूपये के अनावर्ती व्यय के वित्तीय प्रावधान की भी स्वीकृति दी गई. आईआईटी इंदौर राज्य के अन्य शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के उन्नयन में भी सहयोग करेगा.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की हुई बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए, सिंहस्थ को लेकर उज्जैन में नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए 592.30 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई. मंत्रिपरिषद ने किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए रबी विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं पर 125 रूपये प्रति क्विंटल बोनस भुगतान की भी स्वीकृति प्रदान की. इस पर 3850 करोड़ रूपये का वित्तीय भार आएगा.

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में समर्थन मूल्य विकेन्द्रीकृत योजना के अंतर्गत खाद्यान्न के उपार्जन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली व अन्य शासकीय योजनाओं के संचालन एवं डेफिसिट पूर्ति के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 (एक वर्ष) तक की अवधि के लिये 29 हजार 400 करोड़ रूपये की निशुल्क शासकीय प्रत्याभूति (गारंटी) की स्वीकृति प्रदान की.

उर्वरक अग्रिम भंडारण योजना स्वीकृत

राज्य में यूरिया, डीएपी, कॉम्प्लेक्स और पोटाश उर्वरकों की वर्ष 2024-25 से 2026-27 तक की अग्रिम भंडारण योजना स्वीकृत की गई. इससे प्रदेश के किसानों को रासायनिक उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सकेगी. मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है. वर्ष 2024-25 में मार्कफेड को 850 करोड़ रूपये की नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूति स्वीकृत की गई.

चार नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए 1200 करोड़ रूपये स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने नीमच, मंदसौर, श्योपुर एवं सिंगरौली के नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन एवं उपकरण खरीद के लिए 1167.95 करोड़ रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की. नीमच के लिए 287.45 करोड़ श्योपुर के लिए 288.5 करोड़, सिंगरौली के लिए 289.74 करोड़ एवं मंदसौर के लिए 302.26 करोड़ रूपये की स्वीकृती दी गई है.

केन्द्र प्रवर्तित योजना में मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग कॉलेज भी बनेंगे

केन्द्र प्रवर्तित योजना में मेडिकल कॉलेजों के साथ नये नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के लिए मंत्रि-परिषद ने 192.40 करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है. प्रदेश के 13 जिलों दतिया, खंडवा, रतलाम, शहडोल, विदिशा, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, सतना, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, श्योपुर एवं सिंगरौली में नर्सिंग कॉलेज बनेंगे. प्रत्येक नर्सिंग कॉलेज के लिये 14.80 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गई है. इससे इन जिलों एवं आस-पास के सभी नागरिको को चिकित्सा सुविधा का लाभ एवं छात्र-छात्राओं को सुगमतापूर्वक नर्सिंग संवर्ग की शिक्षा मिल सकेगी.

जिला चिकित्सालयों में नि:शुल्क शव वाहन संचालन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों एवं शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में नि:शुल्क शव वाहन संचालन की स्वीकृति प्रदान की है. शासकीय अस्पतालों में उपचार के दौरान संस्थागत मृत्यु, सड़क दुर्घटना/आपदा में मृत्यु पर मृतक की पार्थिव देह को ससम्मान नि:शुल्क शव वाहन से गंतव्य स्थल तक पहुँचाया जायेगा. शव वाहन संचालन का दायित्व लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के पास होगा. अभी यह दायित्व नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पास है.

पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा योजना

बैठक में पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है. इसके संचालन एवं क्रियान्वयन का दायित्व लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के पास रहेगा. यह सेवा प्रदेश में कहीं भी चिकित्सा आपात स्थिति उत्पन्न होने या विशेष प्रकार के चिकित्सा सुविधा या चिकित्सा विशेषज्ञों की आवश्यकता होने पर उपलब्ध रहेगी. इसमें कठिन भौगोलिक परिस्थिति में प्रदेश के दूरस्थ अंचलों तक पहुँचकर उन्नत आपातकालीन चिकित्सा द्वारा मरीजों की स्थिति को स्थिर कर उच्च चिकित्सा केन्द्रों तक एयरलिफ्ट किया जाएगा.

बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों के घर बिजली से होंगे रौशन

मंत्रि-परिषद ने प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जन-मन) मिशन में प्रदेश के बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों के अविद्युतिकृत घरों तक बिजली पहुँचाने की कार्ययोजना भी स्वीकृत की है. एक लाख रूपये प्रति परिवार से अधिक की लागत आने पर बसाहटों में एक किलोवाट क्षमता के ऑफ ग्रिड प्रणाली (सोलर+बेटरी) से विद्युतिकरण किया जाएगा. प्रथम चरण में 17 जिले ग्वालियर, विदिशा, अशोकनगर, श्योपुर, दतिया, गुना, शिवपुरी, भिंड, रायसेन, अनूपपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, मंडला, नरसिंहपुर, शहडोल और सीधी शामिल किये गये हैं.

इन जिलों में 8892 अविद्युतिकृत विशेषत: असुरक्षित जनजातीय समूह (पीवीटीजी) हाउसहोल्डस् में बिजली पहुँचाने के लिये 42 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं. साथ ही 2060 अविद्युतिकृत पीवीटीजी हाउसहोल्डस् को ऑफ ग्रिड प्रणाली से बिजली उपलब्ध कराने के लिये 23 करोड़ रूपये की कार्ययोजना स्वीकृत की गई है.