कांग्रेस कार्यालय में कैलाश विजयवर्गीय का जोरदार स्वागत, एक्शन में आ गई पार्टी, उठाए ये कदम

कांग्रेस कार्यालय में कैलाश विजयवर्गीय का जोरदार स्वागत, एक्शन में आ गई पार्टी, उठाए ये कदम

पिछले दिनों एक पेड़ मां के नाम अभियान में कांग्रेस का सहयोग मांगने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य बीजेपी के नेता इंदौर के जिला कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे. इस दौरान कांग्रेस कार्यालय में उनका जोरदार स्वागत किया गया था. कांग्रेस के ही कुछ नेताओं ने इसकी शिकायत आलाकमान को कर दी थी, जिसके बाद आलाकमान ने दोनों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है.

मध्य प्रदेश के केबिनेट मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत करना कांग्रेस नेताओं को भारी पड़ गया. इंदौर के कांग्रेस शहर और ग्रामीण अध्यक्ष को पार्टी ने निलंबित कर दिया है. शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा और ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव को संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने नोटिस जारी कर 7 दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है.

शहर और जिला अध्यक्ष दोनों सस्पेंड

प्रदेश उपाध्यक्ष व संगठन प्रभारी ने नोटिस में लिखा, एक ऐसा व्यक्ति जिसने मां अहिल्या की नगरी में लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की. इंदौर की जनता से उनके मत का अधिकार छीनने का कृत्य करके देश-विदेश में इंदौर को शर्मसार किया, जिसकी निंदा इंदौर वासियों ने भी की. ऐसे व्यक्ति का स्वागत सत्कार इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी गांधी भवन में करना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता हैं. आप सात दिन में अपना स्पष्टीकरण दें. इस अवधि में आपको आपके वर्तमान पद से निलंबित किया जाता है.

इंदौर ऑफिस में विजवर्गीय का स्वागत

दरअसल, पिछले दिनों एक पेड़ मां के नाम अभियान में कांग्रेस का सहयोग मांगने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य बीजेपी के नेता इंदौर के जिला कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे. इस दौरान कांग्रेस कार्यालय में उनका जोरदार स्वागत किया गया था. मिठाई भी खिलाड़ी गई थी. कुछ कांग्रेस नेताओं ने इसका विरोध किया था और अब इस मामले में कांग्रेस जिला और शहर अध्यक्ष को निलंबित कर दिया है.

कैलाश ने अक्षय को कराया था BJP में शामिल

लोकसभा चुनाव के समय कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ही कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय क्रांति बम को बीजेपी में शामिल करवाया था. इसके बाद इंदौर से इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि लोकसभा चुनाव में कोई भी प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सका, जिसके चलते बीजेपी से प्रत्याशी रहे शंकर लालवानी को ऐतिहासिक जीत मिली थी.