UP: जिन आरोपियों की पुलिस से हुई मुठभेड़, कोर्ट से हुए बरी… अब उठे ये सवाल
यूपी के अमरोहा में पुलिस ने तीन आरोपियों को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. तीनों आरोपियों को रिमांड देने के मामले में सुनावाई करते हुए कोर्ट ने दो को दोष मुक्त कर दिया है. इस घटना के बाद से पुलिस के मुठभेड़ पर सवाल उठ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में पुलिस की मुठभेड़ पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल पुलिस ने तीन आरोपियों के साथ मुठभेड़ की थी इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने विचित्र, आश्चर्यजनक, अस्वभाविक, संदिग्ध और अविश्वसनीय जैसे पांच शब्दों का प्रयोग करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पकड़े गए तीन आरोपियों में से दो को दोष मुक्त किया है.
अमरोहा की हसनपुर कोतवाली पुलिस ने 16 जुलाई 2024 कों तीन आरोपियों को अमरोहा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेड की अदालत में मुठभेड़ का अभियुक्त बताते हुए पेश किया. पुलिस ने न्यायालय से पकड़े गए तीनों अभियुक्तों की 14 दिन की रिमांड स्वीकृत करने की याचना की. पुलिस द्वारा दाखिल की गयी केस डायरी को पढ़ते ही न्यायालय ने खुद हसनपुर कोतवाली पुलिस को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. कोर्ट ने कहा की मुठभेड़ में जब अभियुक्त मनोज के पास से तमंचा और चलाई गयी गोली का खाली खोका बरामद हुआ है ओर उसके ही एक पैर में गोली लगी है. वहीं मुठभेड़ में शामिल पुलिस को कोई भी चोट नहीं आई.
कोर्ट ने सवाल किया कि पुलिस ने मुठभेड़ में 9 mm गोली चलाई है जिसका खाली खोका भी बरामद नहीं हुआ. कोर्ट ने पूछा कि ऐसे कैसे हो सकता है? बस इसी को देखते हुए न्यायालय ने पुलिस द्वारा की गयी मुठभेड़ में पकड़े गए तीनों अभियुक्तों पर लगाई गयी धारा 109 ऐन-ऐन-ऐस की रिमांड को खारिज कर दिया. कोर्ट ने अनिल और रोहित को दोषमुक्त कर दिया जबकि अभियुक्त मनोज सैनी को आर्म्स ऐक्ट में पुलिस के लिए रिमांड स्वीकृत कर् दी.
न्यायालय से दोषमुक्त दोनों अभियुक्तों ने पुलिस के द्वारा किए गए बर्ताब की भी सुनाई आप बीती. न्यायालय से दोषमुक्त हुए रोहित ने बताया कि पुलिस ने उसको रात के समय सोते हुए घर से उठाया था. परिवार द्वारा विरोध करने पर परिवार के साथ पुलिस ने अभद्रता की थी. इसके बाद उसे कोतवाली ले गए थे. रोहित ने आगे बताया कि सुबह तड़के आम के बाग में ले जाकर जबरन मुठभेड़ जैसी घटना को रूप देते हुए वीडियो बनाई गई. पुलिस के डर की वजह से जैसे-जैसे पुलिस वाले बोलते गए उसने मान लिया.