दिनेश शर्मा वाली सीट से क्या बीजेपी दारा सिंह चौहान को बनाएगी एमएलसी?

दिनेश शर्मा वाली सीट से क्या बीजेपी दारा सिंह चौहान को बनाएगी एमएलसी?

समाजवादी दारा सिंह चौहान अब भाजपाई हैं. खेमा बदलने में चूंकि वह अपनी सीट गंवा बैठे हैं, इसलिए विधायक फिलहाल नहीं हैं. अब चर्चा चल पड़ी है कि विधान परिषद के एक सीट खाली होने से दारा सिंह चौहान की उम्मीद बंधी है. उम्मीद की वह न सिर्फ सदन के सदस्य चुने जाएं बल्कि मंत्री भी बनाए जाएं. क्या वाकई भारतीय जनता पार्टी ऐसा करने जा रही?

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद खाली हुई विधान परिषद की सीट पर उपचुनाव की घोषणा हो गई है. चुनाव आयोग ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है. 11 से 18 जनवरी तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे और 29 जनवरी को मतदान होगा. बीजेपी का इस सीट पर जीतना लगभग तय है, जिसके चलते सभी की निगाहें इस बात पर लगी हैं कि दिनेश शर्मा की जगह पार्टी किसे विधान परिषद भेजेगी.

एमएलसी उपचुनाव की तारीखों की घोषणा के बीच समाजवादी पार्टी यानी सपा छोड़कर बीजेपी में आए दारा सिंह चौहान ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद से माना जा रहा है कि बीजेपी दारा सिंह चौहान को विधान परिषद के लिए अपना प्रत्याशी बना सकती है. दारा सिंह चौहान 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा से विधायक चुने गए थे, लेकिन बीजेपी में आने के बाद उन्हें अपनी सदस्यता छोड़नी पड़ी. इसके बाद घोसी उपचुनाव में उन्हें सपा प्रत्याशी से हार का मुंह देखना पड़ा. यही वजह है कि अब दारा सिंह चौहान को एमएलसी बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई है?

विधान परिषद की सीट किसे देगी BJP

बता दें कि पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा विधान परिषद के सदस्य थे, लेकिन राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद 13 सितंबर 2023 को एमएलसी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने विधान परिषद की सीट पर उपचुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया, जिसका कार्यकाल 30 जनवरी 2027 तक का है. आगामी 29 जनवरी को विधान परिषद सीट के लिए उपचुनाव है, जिसके लिए 11 से 18 जनवरी तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे. ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर लगी हैं कि बीजेपी अपनी कोटे के एकलौती सीट के लिए किसे अपना कैंडिडेट बनाती है?

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दारा सिंह की पकड़ किस वोटबैंक पर

दारा सिंह चौहान अति पिछड़े वर्ग के नोनिया समाज से आते हैं. पूर्वांचल के आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर सहित कई जिलों में नोनिया समुदाय के वोट ठीक-ठाक है. दारा सिंह चौहान को नोनिया समुदाय के नेता के तौर पर जाना जाता है. इस वोटबैंक पर कभी बसपा की मजबूत पकड़ थी, लेकिन अब बीजेपी उस पर अपनी पकड़ मजबूत कर रही है. 2022 के चुनाव में दारा सिंह चौहान के बीजेपी से सपा में जाने के बाद इस वोटबैंक पर भाजपा की पकड़ कमजोर हुई थी, जिसके चलते चुनाव के बाद उनकी घर वापसी कराई गई. लेकिन, घोसी उपचुनाव में दारा सिंह चौहान बीजेपी के टिकट पर उतरे, लेकिन जीत नहीं सके.

सपा से बीजेपी में दारा सिंह चौहान की वापसी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से कराई गई है, जिसके चलते माना जा रहा है कि अब उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाकर योगी कैबिनेट में जगह दी सकती है. इसलिए चर्चा यह है कि दिनेश शर्मा के इस्तीफे से खाली हुई विधान परिषद सीट पर दारा सिंह चौहान को बीजेपी भेज सकती है. इस बात के कयास तब और भी लगाए जाने लगे जब दारा सिंह चौहान ने गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात किया.

या बीजेपी देगी एक और सरप्राइज?

घोसी उपचुनाव हारने के बाद दारा सिंह चौहान किसी भी सदन के सदस्य नहीं है जबकि मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने के लिए उन्हें विधायक या फिर एमएलसी होना जरूरी है. एमएलसी सीट खाली होने के बाद अब उपचुनाव की घोषणा हुई है तो दारा सिंह चौहान के नाम की चर्चा तेज हो गई है. हालांकि, बीजेपी अपने फैसले से सरप्राइज देती रही है. ऐसे में देखना है कि लोकसभा चुनाव के सियासी समीकरण को देखते हुए दारा सिंह चौहान को विधान परिषद भेजती है या फिर किसी और नाम पर मुहर लगती है?

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