झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता को तत्काल हटाएं… चुनाव आयोग ने दिया निर्देश
झारखंड विधासनभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने राज्य के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है.
भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता को तत्काल प्रभाव सेहटाने का निर्देश दिया है. चुनाव आयोग ने शनिवार को झारखंड सरकार को यह निर्देश दिया. चुनाव आयोग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उन्हें डीजीपी के पद से तत्काल प्रभाव से हटाकर कैडर में उपलब्ध सबसे वरिष्ठ डीजीपी स्तर के अधिकारी को प्रभार सौंपे.
बता दें कि झारखंड में दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान है. चुनाव को लेकर पहले चरण की नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
इस बीच, चुनाव आयोग ने कार्यवाहक डीजीपी को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया है. सूत्रों का कहना है कि डीजीपी अनुराग गुप्ता के खिलाफ पिछले चुनाव में काफी शिकायतें मिली थी.
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पिछले चुनाव में शिकायत के आधार पर लिया निर्णय
चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि अनुराग गुप्ता को हटाने का फैसला पिछले चुनावों के दौरान उनके खिलाफ शिकायतों के इतिहास और चुनाव आयोग की ओर से ली गई कार्रवाई को आधार बनाकर लिया गया है.
सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से संभावित डीजीपी के अधिकारियों की सूची मांगी गयी है. उसके अनुसार डीजीपी पद के वरिष्ठ अधिकारी को डीजीपी पद का कार्यभार सौपा जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग ने झारखंड सरकार को शनिवार शाम सात बजे तक निर्देश के पालन कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया.
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कहा है कि सरकार को 21 अक्टूबर को सुबह 10 बजे तक भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारियों का पैनल सौंपे, ताकि नए डीजीपी की नियुक्ति की जा सके.
अनुराग गुप्ता पर पहले भी लगे थे आरोप
गौरतलब है कि इससे पहले साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने अनुराग गुप्ता पर पक्षपातपूर्ण आचरण का आरोप लगाया था. उसके बाद उन्हें झारखंड के एडीजी (विशेष शाखा) के पद से मुक्त कर दिया गया था और उन्हें दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर कार्यालय में नियुक्त किया गया था. चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक झारखंड लौटने पर रोक लगा दी गई थी.
इसके साथ ही साल 2016 में झारखंड से राज्य सभा चुनाव के दौरान भी उनपर सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगे थे. उनके खिलाफ विभागीय जांच के बाद आरोप पत्र जारी किया गया था.