आचार संहिता उल्लंखन की शिकायत पर चुनाव आयोग सख्त, बीजेपी और कांग्रेस से मांगा जवाब
झारखंड में पहले चरण के चुनाव के लिए 13 नवंबर को वोट डाले गए जबकि दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को चुनाव है. वहीं, महाराष्ट्र में भी राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे दोनों राज्यों के एक साथ 23 नवंबर को सामने आएंगे.
महाराष्ट्र और झारखंड में चल रहे विधानसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग ने दोनों ही दलों को नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अलग-अलग पत्र लिखकर शिकायत पर जवाब देने को कहा है. दूसरा यह कि आयोग ने दोनों पक्षों से प्रतिक्रिया मांगते हुए उनके बीच शिकायतों का आदान-प्रदान किया है.
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टी अध्यक्षों से 18 नवंबर दोपहर 1 बजे तक औपचारिक जवाब तलब किया है जबकि उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान स्टार प्रचारकों और नेताओं को बनाए रखने के लिए 22 मई, 2024 को चुनाव आयोग की पिछली सलाह की याद दिलाया है. ताकि सार्वजनिक नियमों का उल्लंघन न हो और चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता का अक्षरशः पालन किया जाए.
झारखंड में बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया है आरोप
झारखंड में बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने वोटिंग से एक दिन पहले यानी साइलेंट पीरियड में मेनिफेस्टो जारी किया था. बीजेपी ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए आपत्ति जताई थी और राज्य चुनाव आयोग से शिकात की थी. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने संविधान और चुनाव के नियमों का उल्लंघन किया है इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
चुनाव आयोग से शिकायत की थी बीजेपी
इसे लेकार 14 नवंबर को सुधीर श्रीवास्तव के नेतृत्व में बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा था. बीजेपी नेताओं ने अपनी शिकायत में कहा था कि चुनाव से एक दिन (11 तारीख को) शाम 5 बजे से साइलेंट पीरियड शुरू हो गया था. इस पीरियड में कोई मेनिफेस्टो नहीं जारी किया जा सकता, लेकिन कांग्रेस नेता ऐसा किया. इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
महाराष्ट्र में बीजेपी नेता के चुनाव प्रचार पर रोक की मांग
दूसरी ओर से महाराष्ट्र में कांग्रेस ने बीजेपी के राज्यसभा सांसद धनंजय महादिक के चुनाव प्रचार पर रोक लगाने की मांग की है. कांग्रेस ने बीजेपी सांसद पर आरोप लगाया है कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि कांग्रेस को वोट देने वाली महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. इसे लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंची थी और महादिक पर चुनाव प्रचार की गतिविधियों में शामिल होने से रोक लगाने की मांग की थी.