गौतम अडानी को बड़ी राहत, मुसीबतों के बीच मिला 3400 करोड़ का प्रोजेक्ट
हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद मचे हंगामे के बीच भारत में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार के दबाव के कारण अडानी समूह श्रीलंका समेत कई देशों में बड़े कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया है
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी के शेयर्स में भारी गिरावट आई है. ऐसे में अडानी ग्रुप को बड़ी राहत भी मिली है. अडानी की कंपनी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड कंपनी को मुसीबतों के बीच श्रीलंका में हरित ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल हुआ है. श्रीलंका के बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट ने कंपनी को मन्नार और पूनेरिन में दो विंड पावर प्लांट्स बनाने के लिए मंजूरी दे दी है.
442 मिलियन डॉलर के इस प्रोजेक्ट को कंपनी को अगले दो साल में पूरा करना है. इस प्रोजेक्ट की खासियत है कि इसके तहत 500 मेगावाट बिजली का निर्माण होगा, जिसे 2025 तक श्रीलंका के नेशनल ग्रिड से जोड़ा जाना है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दावा किया गया है कि इस कॉन्ट्रैक्ट के बाद आर्थिक संकट में चल रहे श्रीलंका में लगभग दो हजार रोजगार का अवसर मिलेगा. इसके साथ ही इस बड़े कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने से अडानी की कंपनी को अपने निवेशकों का भरोसा हासिल करने में भी मदद मिलेगी.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद मचे हंगामे के बीच भारत में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार के दबाव के कारण अडानी समूह श्रीलंका समेत कई देशों में बड़े कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया है. इन आरोपों के बाद भी अडानी को इतना बड़ा प्रोजेक्ट श्रीलंका में मिलना बताता है कि कंपनी अपनी खुद को बेहतर बनाने की राह पर आगे बढ़ रही है.
आपको बता दें, बुधवार को ही श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेशेकरा ने अडानी ग्रुप के साथ एनर्जी सेक्टर में निवेश को लेकर चर्चा करने की बात कही थी. श्रीलंका और कंपनी के बीच इस प्रोजेक्ट को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी. जिसे अब अंतिम रूप दे दिया गया है. कंपनी पहले ही कोलंबो में एक एनर्जी डेवलपमेंट पर काम कर रही है.
कठिनाई के दौर में मिला बड़ा प्रोजेक्ट
अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को यह कॉन्ट्रैक्ट ऐसे समय में हासिल हुआ है, जब कंपनी के शेयर्स में रिकॉर्ड गिरावट आ रही है. समूह के शेयरों में गिरावट के कारण उसके मार्केट कैप पर भी असर पड़ा है. जिसमे लगभग आठ लाख करोड़ रुपये की कमी आ चुकी है. जिस अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड कंपनी को श्रीलंका में यह कॉन्ट्रैक्ट हासिल हुआ है, अकेले उसके शेयरों में ही हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से लगभग 71.88 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. ऐसे में श्रीलंका में इतना बड़ा प्रोजेक्ट मिलना कंपनी के लिए बाहत बड़ी सफलता है.
कई कॉन्ट्रैक्ट हुए कैंसिल
ऐसा नहीं है कि अडानी ग्रुप को प्रॉफिट ही हुआ है. ग्रुप को कई कॉन्ट्रैक्ट से हाथ भी धोना पड़ा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी फरवरी में खराब क्वालिटी के चलते अडानी ग्रुप को दिया गया स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर का एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल कर दिया था. इसके पहले ऊर्जा क्षेत्र की एक और कंपनी ने भी अदाणी समूह के साथ हुए अपने कॉन्ट्रैक्ट पर सेकंड थॉट लेने की बात कही है. इससे कंपनी की साख पर असर पड़ा है. लेकिन कई बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी इस बड़े झटके से उबरने में कामयाब रहेगी.