Ericsson में सिर्फ 1400 नहीं…जाएंगी और भी नौकरियां, जल्द हो सकता है बड़ी छंटनी का ऐलान

Ericsson में सिर्फ 1400 नहीं…जाएंगी और भी नौकरियां, जल्द हो सकता है बड़ी छंटनी का ऐलान

दुनियाभर में टेक कंपनियों के अंदर लोगों को नौकरी से निकाले जाने का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. अब एरिक्सन जैसी कंपनी ने स्वीडन में ही 1,400 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का ऐलान कर दिया है.

छंटनी… ये वो शब्द है जो बीते 6 महीनों में लाखों लोगों के लिए गले की फांस बन चुका है. दुनियाभर की टेक कंपनियों ने अपने हजारों कर्मचारियों को एक झटके में बाहर करने का काम किया है. इसमें फिर चाहें Amazon को देखें या Google, Microsoft और Meta को. भारत में स्टार्टअप कंपनियों ने हजारों लोगों को नौकरी से हटाया है. अब इस कड़ी में Ericsson का नाम भी शामिल हो गया है.

टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली दुनिया की टॉप कंपनियों में शुमार एरिक्सन 1400 लोगों को नौकरी से निकालेगी. ये सिर्फ स्वीडन में होने वाली छंटनी की संख्या है, जबकि कंपनी अन्य देशों में भी छंटनी कर सकती है. इनकी संख्या का ऐलान नहीं किया गया है. ऐसे में आशंका है कि आने वाले महीनों में कंपनी किसी बड़ी छंटनी का भी ऐलान कर सकती है.

होगा और भी छंटनियों का ऐलान

इस संबंध में जानकारी रखने वालों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दिनों में कंपनी अलग-अलग देशों में कई हजार लोगों को नौकरी से निकाल सकती है. एरिक्सन में करीब 6 साल बाद इतनी बड़ी छंटनी होने जा रही है. इससे पहले कंपनी ने 2017 में हजारों लोगों को नौकरी से निकाला था.

कंपनी घटाएगी लागत, बढ़ाएगी रिसर्च

एरिक्सन ने खुद को घाटे से बाहर निकालने के लिए रिसर्च पर बड़ा दांव लगाने की बात कही है. वहीं एरिक्सन पहले ही कह चुकी है कि 2023 के अंत तक वह अपनी लागत में करीब 88 करोड़ डॉलर की कटौती करेगी. इसकी एक बड़ी वजह उत्तरी अमेरिका में मंदी की हलचल के वजह से डिमांड का नरम पड़ना है.

चल रही एम्प्लॉई यूनियन से बातचीत

फिलहाल कंपनी स्वीडन में कई महीनों से एम्प्लॉई यूनियन के साथ बातचीत कर रही है कि किस तरह से लागत को घटाया जाए. खबर ये भी है कि दोनों पक्षों के बीच कर्मचारियों की संख्या कम करने को लेकर सहमति बनी है. कंपनी ने वॉलिएंटरी प्रोग्राम के माध्यम से कर्मचारियों की छंटनी की प्लानिंग की है.

कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर कार्ल मेलैंडर ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि एरिक्सन ने लागत घटाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसमें रीयल एस्टेट के खर्च को कम करना, कर्मचारियों की संख्या कम करना और सलाहकारों की संख्या घटाना शामिल है.