लैपटॉप टैबलेट के इंपोर्ट पर नहीं लगेगा बैन, सिर्फ निगरानी करेगी सरकार
भारत में अब लैपटॉप, टेबलेट और कंप्यूटर के इंपोर्ट पर कोई बैन नहीं है. सरकार ने अपने अगस्त के इम्पोर्ट बैन के फैसले को वापस ले लिया है. इसके बजाय सरकार अब सिर्फ इन चीजों के आयात पर निगरानी रखने का काम करेगी. वहीं, नया इंपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम एक नवंबर से लागू होगा.
सरकार ने अपने विदेश से लैपटॉप और टेबलेट के इम्पोर्ट के बैन वाले फैसले से पीछे हट गई है. अब लोग विदेश से लैपटॉप और टेबलेट बिना किसी इजाजत के ला सकते हैं. इस बात की जानकारी खुद कंज्यूमर सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल ने दी है. उन्होंने बताया कि भारत लैपटॉप के इंपोर्ट पर बैन नहीं लगाएगा. बता दें, अगस्त 2023 में भारत सरकार ने लैपटॉप के इंपोर्ट पर बैन लगाने का ऐलान किया था.
हालांकि, हार्डवेयर इंडस्ट्री ने सरकार से लैपटॉप टैबलेट के इंपोर्ट पर बैन लगाने के फैसले को वापस लेने की मांग की थी. जिसके बाद सरकार अपने फैसले को वापस ले लिया है. अब सरकार सिर्फ उनकी खेप की निगरानी करेगी.
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हर साल इतनी वैल्यू के लैपटॉप होते हैं इम्पोर्ट
सरकार के अगस्त के आदेश के बाद आईटी हार्डवेयर से जुड़े इंडस्ट्री ने चिंता जाहिर की थी और सरकार से इस आदेश को वापस लेने की अपील की थी. जिसके बाद सरकार ने पहले तो इंपोर्ट बैन की डेडलाइन बढ़ाई थी और फिर इसे अब वापस ही ले लिया है. एक अनुमान के मुताबिक भारत हर साल लगभग 7-8 अरब डॉलर के वैल्यू के बराबर कम्प्यूटर हार्डवेयर से जुड़े इलेक्ट्रनिक आईटम्स का आयात करता है.
सुनील बर्थवाल ने ट्रेड डेटा जारी करने के लिए किए प्रेस कॉंफ्रेंस में कहा कि भारत में लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. हम केवल लैपटॉप का आयात करने पर उनकी कड़ी निगरानी रखेंगे, ताकि इन आयातों पर नजर रख सकें. इंपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम एक नवंबर से लागू होगी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में काम प्रगति पर है. उम्मीद है कि यह 30 अक्टूबर से पहले हो जाएगा.
अगस्ता में इंपोर्ट बैन का आया था फैसला
केंद्र सरकार ने 3 अगस्त को लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा-स्मॉल कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और चीन जैसे देशों से आयात में कटौती करने के लिए यह कदम उठाया था. लेकिन इस अधिसूचना के बाद आईटी हार्डवेयर उद्योग ने चिंता जताई थी.सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. इनमें उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना और सीमा शुल्क बढ़ाना शामिल है.