शरद पवार ने छगन भुजबल को क्यों करवाया डेढ़ घंटे तक इंतजार? महाराष्ट्र में सियासी गरमी बढ़ी
अब से करीब एक साल पहले शरद पवार को धोखा देकर अजित गुट में शामिल होने वाले छगल भुजबल को ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी की वो मुलाकात का समय लिये बगैर ही शरद पवार के आवास जा पहुंचे.
NCP अजित गुट के नेता छगन भुजबल आज अचानक शरद पवार से मिलने पहुंचे. दोनों मुलाकात के बाद महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रहीं हैं. इस साल के अंत तक राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में जाहिर है इस मुलाकात के तरह-तरह के मायने निकाले जाएंगे. लेकिन अब से करीब एक साल पहले शरद पवार को धोखा देकर अजित गुट में शामिल होने वाले छगल भुजबल को ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी की वो मुलाकात का समय लिये बगैर ही शरद पवार के आवास जा पहुंचे.
दरअसल जितनी चर्चा इस मुलाकात के एजेंडे को लेकर हो रही है उतनी ही चर्चा इस बात की हो रही है कि शरद पवार ने छगन भुजबल को करीब डेढ़ घंटे का इंतज़ार क्यों कराया? हालांकि छगन भुजबल ने अपने बयान में कहा है कि शरद पवार की तबीयत ठीक नहीं थी और जिस वक्त वो सिल्वर ओक (शरद पवार के आवास पर) पहुंचे तो पवार सो रहे थे. लेकिन राजनीति में इन बातों को इतनी आसानी से पचाना बहुत मुश्किल होता है. सियासी मुलाकातों में दिखने वाले छोटे-छोटे संकेत कई बार बड़े इशारे कर रहे होते हैं.
मुलाकात को लेकर क्या बोलीं सुप्रिया सुले?
शरद पवार और छगन भुजबल की मुलाकात को लेकर बेटी सुप्रिया सुले से जब सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर हैरानी जताई. सुप्रिया सुले ने कहा कि “मैं अभी पुणे में हूं और मुझे इस मुलाकात की फिलहाल कोई जानकारी नहीं है.” उन्होंने कहा कि पार्टी में कौन शामिल होगा यह किसी का निजी फैसला नहीं होगा. पार्टी के सभी लोग साथ बैठकर किसी को वापस पार्टी में लेने पर फैसला करेंगे.
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अचानक शरद पवार के घर क्यों पहुंचे भुजबल?
छगन भुजबल ने एक दिन पहले रविवार को शरद पवार पर जमकर निशाना साधा था. बारामती में उन्होंने शरद पवार पर मराठा आरक्षण को लेकर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया था लेकिन 24 घंटे में ऐसा क्या हुआ कि भुजबल इस मामले में सहयोग की अपील करते हुए शरद पवार के घर जा पहुंचे, वो भी बिना अप्वाइमेंट लिए. अगर शरद पवार से भुजबल की मुलाकात की वजह मराठा आरक्षण का मुद्दा ही था तो ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या भुजबल मुलाकात के लिए इंतजार नहीं कर सकते थे?
मुलाकात के बाद क्या बोले छगन भुजबल ?
शरद पवार से मुलाकात कर लौटे छगन भुजबल ने बताया है कि दोनों के बीच आरक्षण के मुद्दे को लेकर बात हुई है. भुजबल ने कहा कि शरद पवार राज्य के बड़े नेता हैं. मराठा आरक्षण को लेकर राज्य में कानून व्यवस्था बनी रहे इस पर चर्चा हुई है. भुजबल ने कहा है कि शरद पवार ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए हामी भरी है. भुजबल ने कहा कि “मुझे मंत्रिपद, विधायकी की कोई जरूरत नहीं है बस राज्य में शांति बनी रहनी चाहिए इसीलिए आज मैं उनसे मिला हूं.” भुजबल ने शरद पराव से आरक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष का साथ देने की अपील की है, जिसके बाद उन्होंने CM एकनाथ शिंदे से बात करने का भरोसा जताया है.
मराठा आरक्षण ने कैसे बढ़ाई मुसीबत?
मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मराठा नेता मनोज जरांगे एक बार फिर 20 जुलाई से अनिश्चितकालीन अनशन करने जा रहे हैं. उनकी मांग है कि मराठा आरक्षण के तहत सभी कुनबियों (कृषकों) को ओबीसी का प्रमाण पत्र दिया जाए. लेकिन इसे लेकर OBC वर्ग के नेता विरोध जता रहे हैं. छगन भुजबल महाराष्ट्र में ओबीसी वर्ग के बड़े नेता माने जाते हैं. ऐसे में इस पूरे विवाद से उनकी छवि को धक्का लग सकता है और चुनाव में उन्हें इसका खामियाब भुगतना पड़ सकता है.
महाराष्ट्र विधानसभा की मौजूदा स्थिति
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे ज्यादा 103 सीटें बीजेपी के पास हैं. दो अलग-अलग खेमों में बटी NCP में अजित गुट के पास 40 तो शरद गुट के पास 12 विधायक हैं. शिवसेना (शिंदे गुट) के पास 38 तो वहीं कांग्रेस के पास 37 विधायक हैं. वहीं उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) के विधानसभा में 18 विधायक हैं. बाकी की सीटों अन्य व छोटे दलों का कब्जा है. ऐसे में कुछ महीनों बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी ये मुलाकात बेहत अहम मानी जा रही है.