Faridabad Lok Sabha Seat: कांग्रेस और BJP में रही है कड़ी टक्कर, क्या इस बार फरीदाबाद में खिलेगा कमल?
Haryana Lok Sabha Election 2024: फरीदाबाद लोकसभा सीट 1977 में पहली बार अस्तित्व में आई थी. इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों में कड़ी टक्कर रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कृष्णा पाल गुर्जर ने कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना को करीब 6 लाख वोटों से हराया था.
Faridabad Lok Sabha Seat: हरियाणा की फरीदाबाद लोकसभा सीट काफी महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. यह सीट पहली बार 1977 में अस्तित्व में आई थी. इससे पहले फरीदाबाद लोकसभा सीट गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र में था. परिसीमन के बाद 1977 में इस सीट का गठन किया गया. यहां के मौजूदा सांसद बीजेपी के कृष्णा पाल गुर्जर हैं. इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों में कड़ी टक्कर रही है. 1977 से 2019 तक कुल 12 लोकसभा चुनाव हुए. छह बार कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया. वहीं पांच बार बीजेपी ने जीत दर्ज की.
BJP की नजर जीत की हैट्रिक पर
इस बार बीजेपी की नजर जीत की हैट्रिक लगाने पर है. पिछले दो चुनावों (2019 और 2014) में यहां से बीजेपी ने जीत हासिल की थी. 2019 में बीजेपी के कृष्णा पाल ने कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना को करारी शिकस्त दी थी. वहीं, 2014 में भी कृष्णा पाल ने अवतार सिंह भड़ाना को करारी शिकस्त दी थी. फरीदाबाद लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 10 सीटें आती हैं. इन सीटों में हाथिन, होडल (SC),पलवल, पृथला, फरीदाबाद NIT, बड़खल, बल्लभगढ़, फरीदाबाद और तिगांव शामिल हैं.
पिछले तीन चुनावों के जीत का आंकड़ा
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कृष्णा पाल ने कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना को 6,38,239 वोटों से हराया था. पाल को 913,222 लाख वोट मिले थे जबकि भड़ाना को 274,983 लाख वोट प्राप्त हुए थे. वहीं, तीसरे नंबर पर बहुजन समाजवादी पार्टी यानी बीएसपी के मंधिर मान थे. उन्हें 86,752 हजार वोट मिले थे. 2014 में भी कृष्णा पाल ने कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना को 4,66,873 लाख वोटों से हराया था. वहीं, 2009 में अवतार सिंह भड़ाना ने बीजेपी के राम चंदर बैंदा को 68,201 हजार वोटों से शिकस्त दी थी.
फरीदाबाद लोकसभा सीट पर कुल कितने वोटर्स
फरीदाबाद लोकसभा सीट पर करीब 20 लाख वोटर्स हैं. इनमें से 10,62,155 लाख पुरुष मतदाता हैं जबकि 8,64,15 महिला वोटर्स हैं. पिछले लोकसभा चुनाव (2019) में 13,27,295 मतदाताओं ने मतदान किया था. मतलब यहां 70 फीसदी वोटिंग हुई थी.
फरीदाबाद लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास, कब-कब किसने जीता?
- 1977 में जनता पार्टी से धर्मवीर वशिष्ठ ने चुनाव जीता
- 1980 में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई. तैय्यब हुसैन ने जीत दर्ज की थी.
- 1984 में कांग्रेस के चौधरी रहीम खान ने चुनाव जीता था.
- 1988 में लोकदल से खुर्शीद अहमद
- 1989 में कांग्रेस से भजन लाल ने जीत हासिल की थी.
- 1991 में एक बार फिर यह कांग्रेस के खाते में गई. अवतार सिंह भड़ाना ने जीत दर्ज की थी.
- 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनावों में इस सीट पर लगातार बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था. राम चंदर बैंदा ने जीत की हैट्रिक लगाई थी.
- 2004 और 2009 में फिर यह कांग्रेस के खाते में गई. अवतार सिंह भड़ाना दोनों लोकसभा चुनावों में जीत का परचम लहराया.
- 2014 और 2019 में फिर इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की. कृष्णा पाल गुर्जर ने दोनों चुनावों में जीत दर्ज की.
फरीदाबाद का संक्षिप्त इतिहास
फरीदाबाद को इंडस्ट्रीयल सिटी भी कहा जाता है. यहां कई छोटे-बड़ी कंपनियां हैं. राज्य सरकार को गुरुग्राम के बाद अगर सबसे ज्यादा रेवेन्यू होता है तो वो फरीदाबाद से. फरीदाबाद शहर की स्थापना 1607 शेख फरीद ने की थी. बाबा फरीद के नाम पर ही इस शहर का नाम फरीदाबाद रखा गया. बताया जाता है कि बाबा फरीद एक प्रसिद्ध सूफी संत थे. शुरुआत में फरीदाबाद गुड़गांव जिले का एक हिस्सा था. 15 अगस्त 1979 को फरीदाबाद अलग जिला बनाया गया. फरीदाबाद में बड़खल झील, बाबा फरीद गुंबद काफी फेमस है.