किसान नेता डल्लेवाल की पोती का निधन, केंद्र के साथ बैठक के लिए पहुंचे चंडीगढ़

किसान नेता डल्लेवाल की पोती का निधन, केंद्र के साथ बैठक के लिए पहुंचे चंडीगढ़

जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पहले से ही कमिटमेंट किया था कि वो केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की 14 फरवरी को चंडीगढ़ में होने वाली बातचीत में जरूर शामिल होंगे. डल्लेवाल एंबुलेंस में डॉक्टरों की निगरानी में बातचीत के लिए खन्नौरी बॉर्डर से चंडीगढ़ पहुंचे थे.

केंद्र सरकार और किसानों की बैठक के पहले आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को शुक्रवार को गहरा सदमा लगा. दरअसल डल्लेवाल की पोती राजनदीप कौर का निधन हो गया. वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. वहीं शुक्रवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

वहीं इस दुख की घड़ी में डल्लेवाल अपनी पोती के अंतिम संस्कार में भी नहीं पहुंच पाए. क्योंकि डल्लेवाल केंद्र के साथ किसानों की मीटिंग में शामिल होने चंडीगढ़ गए थे. उन्हें एंबुलेंस से चंडीगढ़ ले जाया गया.

केंद्र सरकार के साथ बातचीत

बता दें कि अपनी पोती के निधन के बावजूद आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बातचीत में शामिल हुए. पहले से ही केंद्र सरकार के साथ प्रस्तावित बातचीत के मद्देनजर अपनी पोती के अकस्मात निधन के बावजूद अंतिम संस्कार में जगजीत सिंह डल्लेवाल शामिल नहीं हो पाए.

81 दिन से आमरण अनशन

गौरतलब है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 81 दिन से आमरण अनशन पर हैं. केंद्र सरकार से बातचीत का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने मेडिकल ऐड लेना शुरू कर दिया. उन्होंने पहले से ही कमिटमेंट किया था कि वो केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की 14 फरवरी को चंडीगढ़ में होने वाली बातचीत में जरूर शामिल होंगे. जगजीत सिंह डल्लेवाल एंबुलेंस में डॉक्टरों की निगरानी में बातचीत के लिए खन्नौरी बॉर्डर से चंडीगढ़ पहुंचे थे.

केंद्र सरकार पर दबाव

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं.प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख किसान नेताओं में सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कुहाड़, काका सिंह कोटरा, सुखजीत सिंह, पी आर पांडियन, अरुण सिन्हा, लखविंदर सिंह, जसविंदर लोंगोवाल, एमएस राय, नंद कुमार, बलवंत सिंह बेहरामके और इंद्रजीत सिंह कोटबूढ़ा शामिल थे.