बांग्लादेश से लेकर दुबई तक… हर कोई इस आम का फैन; UP के किसान हो रहे मालामाल
बिजनौर के मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण वोरा ने बताया कि बिजनौर के आम का निर्यात साल दर साल बढ़ रहा है. यहां के आमों की डिमांड एशिया, यूरोप और खाड़ी देशों में बनी हुई है. इस साल आम निर्यात से करीब पांच सौ करोड रुपये से अधिक विदेशी मुद्रा का व्यापार होने की उम्मीद है.
अपनी मिठास और बेमिसाल खूबसूरती की वजह से मशहूर उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर के आम की धमक देश ही नहीं बल्कि विदेशों में मची हुई है. यहां का रसीला आम एशिया, यूरोप और खाड़ी देशों में खूब पसंद किया जा रहा है. आम का सीजन धीरे-धीरे ऑफ होता जा रहा है, बाजूद इसके इंटरनेशनल मार्केट में बिजनौर के आम की लगातार डिमांड बनी हुई है, जिससे आम व्यापारी और बागवान मोटी आमदनी से काफी खुश नजर आ रहे हैं.
आम का सीजन का ‘दी एंड’ होने को है. बागों से दशहरी आम पहले ही खत्म हो चुका है. पंद्रह अगस्त तक बाकी आम की फसल भी लगभग समाप्त हो जायेगी. लेकिन अचानक विदेशी बाजारो से भारतीय आमों की मांग में बढोत्तरी होने से आम कारोबारियो की पौ बारह हो गयी है. बिजनौर में करीब तीस हजार हेक्टेयर भूमि पर आम बागान है. जहां से दशहरी, लगंडा, बनारसी और चौसा के साथ-साथ आचारी आम देश और दुनिया-भर के कई देशों को भेजा जाता है.
विदेशों में बढ़ी बिजनौर के आम की मांग
पिछले पंद्रह दिनों से बिजनौर के दशहरी, बनारसी, लंगडा और चौसा आम की मांग कई देशों से आने की वजह से ये आम बांग्लादेश, नेपाल, दुबई, सउदी अरब, जार्डन, टर्की समेत कई देशों को भेजा जा रहा है. जिससे आम बागान मालिक और आम सप्लायर्स गदगद हैं. आम बागवान ओमवीर सिंह का कहना है कि बिजनौर के आम का स्वाद ही कुछ ऐसा है कि अगर एक बार इसे कोई चख ले तो उसे यहां के अलावा, कहीं दूसरी जगह के आम का टेस्ट आसानी से नहीं भाता है.
ये हैं आमों की खूबी
आम बागवान ने बताया कि बिजनौर के अधिकांश आम के बाग दोमट रेतीली भूमि में स्थित हैं. इन बागों में वर्मी कम्पोस्ट अथवा देशी मैन्योर खाद का ही प्रयोग किया जाता है, जिससे पेड़ों को सभी न्यूट्रिशन मिल जाते हैं. साथ ही इस प्रकार की भूमि में पानी का अंश कम और मिठास अधिक होती है. बिजनौर के एक्सपोर्टर डाक्टर शोएब ने बताया कि अपने जबरदस्त स्वाद और मिठास की वजह से बिजनौर के दशहरी, बनारसी, लगंडा और चौसा आम की कई मुल्कों में खूब डिमांड है.
इस मैंगो सीजन में करीब तीस कंटेनर्स आम सऊदी अरब भेज चुके डाक्टर शोएब के पास बांग्लादेश, अमेरिका, इंग्लैंड के लिए भी आम कंसाइनमेंट भेजने के आर्डर मिले हैं. उनका कहना है कि सबसे ज्यादा डिमांड ऑर्गेनिक मैंगो या कम पेस्टिसाइड्स का उपयोग कर तैयार किये गये आमो की होती है.