दिल्ली: कोरोना के समय अस्पतालों में 200 करोड़ का घोटाला, PWD के पूर्व ADG समेत तीन गिरफ्तार

दिल्ली: कोरोना के समय अस्पतालों में 200 करोड़ का घोटाला, PWD के पूर्व ADG समेत तीन गिरफ्तार

जांच के दौरान एसीबी ने पाया कि अनिल कुमार आहूजा ने कथित तौर पर 56 कार्यों को मंजूरी दी थी, जिन्हें बाद में इमरजेंसी और तत्काल कार्य के बीच अंतर किए बिना 10 कंपनियों को अलॉट कर दिया गया था. एसीबी आयुक्त मधुर वर्मा ने बताया कि कंपनी मालिक काम के लिए खरीदी गई सामग्री के परिवहन बिल देने में विफल रहे.

भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली सरकार के अस्पतालों में भ्रष्टाचार के सिलसिले में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के एक पूर्व एडीजी (तत्कालीन मुख्य अभियंता/स्वास्थ्य) और दो निजी कंपनियों के मालिकों को गिरफ्तार किया है. जिसमें एलएनजेपी, जीटीबी, बीएसए और जीबी पंत शामिल हैं.

संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसीबी) मधुर वर्मा के मुताबिक पीडब्लूडी के अधिकारियों ने फर्जी बिलों के आधार पर प्राइवेट कंपनी को बिना काम या अधूरे काम के लिये भुगतान किया, जिससे सरकार को लगभग 200 करोड़ रुपये का बड़ा नुकसान हुआ.

पूर्व एडीजी समेत तीन आरोपी गिरफ्तार

पीडब्ल्यूडी के एडीजी और तत्कालीन मुख्य अभियंता (स्वास्थ्य क्षेत्र) अनिल कुमार आहूजा तथा एवी एंटरप्राइजेज और विवेक एसोसिएट्स के मालिक विनय कुमार और अक्षितिज बिरमानी की पहचान आरोपी के तौर पर हुई है. अधिकारी ने बताया कि तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर गुरुवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. एक शिकायत के आधार पर एसीबी ने कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली सरकार के अस्पतालों के लिए अलग-अलग प्राइवेट कंपनी और ठेकेदारों को आवंटित किए गए कार्यों की जांच की.

परिवहन बिल नहीं दे पाए कंपनी मालिक

जांच के दौरान एसीबी ने पाया कि अनिल कुमार आहूजा ने कथित तौर पर 56 कार्यों को मंजूरी दी थी, जिन्हें बाद में इमरजेंसी और तत्काल कार्य के बीच अंतर किए बिना 10 कंपनियों को अलॉट कर दिया गया था. एसीबी आयुक्त मधुर वर्मा ने बताया कि कंपनी मालिक काम के लिए खरीदी गई सामग्री के परिवहन बिल देने में विफल रहे.

कंपनियों की तरफ से दाखिल खरीद वाउचर की जांच

कंपनी के मालिकों ने सामग्री खरीदने के वो बिल दिखाए जो काम खत्म होने के चार से छह महीने बाद जारी किए गए थे. उन्होंने कहा कि कंपनियों की तरफ से दाखिल खरीद वाउचर की जांच करने पर पता चला कि वाउचर जारी करने वाली कुछ कंपनियां अस्तित्व में ही नहीं थीं. अनिल कुमार आहूजा और एवी एंटरप्राइजेज के मालिक विनय कुमार के बीच करीब 1.25 करोड़ रुपये के वित्तीय लेनदेन का पता चला है.