‘काम नहीं कर पाऊंगा’… सुसाइड से एक घंटे पहले GST के डिप्टी कमिश्नर ने किससे कही थी ये बात?

‘काम नहीं कर पाऊंगा’… सुसाइड से एक घंटे पहले GST के डिप्टी कमिश्नर ने किससे कही थी ये बात?

गाज़ियाबाद में GST विभाग के डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह की आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आया है. आत्महत्या से पहले उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी एमपी सिंह से फोन पर बात की थी. जिसमें उन्होंने काम के दबाव और टारगेट प्रेशर झेल पाने में असमर्थता जताई थी. पत्नी द्वारा पहले ही विभागीय माहौल पर सवाल उठाने के बाद यह जानकारी मामले को और पेचीदा बनाती है. इससे यह स्थिति बेहद चिंताजनक बन गई है.

गाजियाबाद में जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह सुसाइड केस में नया मोड़ आ गया है. संजय सिंह ने सुसाइड से ठीक पहले अपने उच्चाधिकारी एमपी सिंह से फोन पर बात की थी. उन्होंने आफिस के माहौल पर चर्चा किया, कहा था कि इस माहौल में उनके लिए काम कर पाना मुश्किल हो गया है. चूंकि पहले से डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह की पत्नी विभाग के माहौल पर सवाल उठा चुकी है. ऐसे में इस नए इनपुट के बाद मामला और पेंचीदा हो गया है. जीएसटी विभाग में तैनात अन्य अधिकारियों का भी मानना है कि यह स्थिति काफी चिंताजनक है.

बता दें कि डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह ने रविवार को 15 मंजिल से कूदकर जान दे दी थी. उनकी मौत की खबर से नोएडा गाजियाबाद ही नहीं, बल्कि राजधानी लखनऊ से लेकर प्रदेश भर के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. दबी जबान से हर अधिकारी डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह की मौत के लिए विभाग में अनावश्यक थोपे गए टारगेट प्रेशर को जिम्मेदार बताया है. अधिकारियों के मुताबिक टारगेट पहले भी तय होते थे और अधिकारी इसे अचीव भी करते थे. अब यह टारगेट शासन स्तर पर तय होने लगे हैं, जिसे स्थानीय स्तर पर पूरा करना मुश्किल हो गया है.

हाल में कैंसर की बीमारी से उबरे थे संजय सिंह

यह टारगेट ब्याज माफी स्कीम से जुड़ा है. इसमें सभी अधिकारियों को रोज कम से कम पांच लोगों को रजिस्टर्ड कराने की जिम्मेदारी है. कहा जा रहा है कि जो भी अधिकारी यह टारगेट पूरा नहीं कर पाता, उसे रोज शासन स्तर से होने वाली वीडियो कांफ्रेंसिंग में जलील किया जाता था. यहां तक कि उसे सस्पेंड करने की धमकी भी दी जाती थी. हाल ही में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से उबरे संजय सिंह इस टारगेट प्रेशर को झेल नहीं पा रहे थे. बताया जा रहा है कि वह काफी समय से तनाव में थे. इसी क्रम में उन्होंने रविवार की रात अपने उच्चाधिकारी एमपी सिंह को फोन किया था.

इसलिए परेशान हैं अधिकारी

जीएसटी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ब्याज माफी स्कीम में व्यापारियों को खुद आकर रजिस्ट्रेशन कराना होता है. लेकिन अब उन्हें विभाग तक खींच कर लाने की जिम्मेदारी अधिकारियों पर डाल दी गई है. बड़ी दिक्कत यह है कि अधिकारी खुद इस स्कीम का लाभ नहीं लेना चाहते. इसके अलावा पिछले दिनों जीएसटी वसूली को लेकर सख्ती हुई तो व्यापारी सड़क पर उतर आते हैं. अभी हाल ही में गाजियाबाद के ही मोहननगर में एक व्यापारी ने कपड़े उतारकर प्रदर्शन किया था. ऐसे हालात में अधिकारी दोनों ओर से पिस रहे हैं.