‘मैं अपने बयान पर अटल हूं…’, मुस्लिमों के लिए अस्पताल में अलग वार्ड बनाने की अपील पर बोलीं BJP विधायक केतकी सिंह

संभल में होली और जुमे की नमाज को लेकर विवाद के बीच, बलिया से बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने हिंदुओं पर धर्मनिरपेक्षता का बोझ ढोने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हर छोटी सी बात पर इस्लाम को खतरे में दिखाया जाता है. उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों के लिए अलग-अलग स्वास्थ्य सेवा की वकालत की और देश के विभाजन के तथ्यों का जिक्र किया.
यूपी के संभल में होली और जुमे की नमाज को लेकर सियासत गरमा गई है. प्रशासन का कहना है कि जुमा साल में कई बार आता है जबकि होली एक बार आती है. ऐसे में होली के दिन जिन लोगों को रंग से परेशानी हैं उन्हें बेवजह घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. जहां तक नमाज की बात है तो वो घर में भी पढ़ा जा सकता है. सत्ता पक्ष ने प्रशासन के इस निर्देश को स्वागत योग्य बताया है तो दूसरी ओर से कुछ विपक्षी पार्टियों ने नाराजगी व्यक्त की है. अब इस पूरे मामले में बलिया के बांसडीह विधायक केतकी सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि बहुत हो चुका, हिंदू सेक्युलेरिज्म का बोझ उठाते-उठाते हम भी थक चुके हैं, हमें भी मान-सम्मान चाहिए. मैंने जो कहा है इस पर मैं अटल हूं.
टीवी9 से बात करते हुए बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने कहा कि इस देश में थोड़ा भी कुछ हो जाए तो इस्लाम खतरे में हो जाता है. हिंदू कोई भी त्योहार मनाने जाए तो इस्लाम खतरे में चला जाता है. कोई यात्रा निकालने जाए त भी इस्लाम खतरे में आ जाता है. हम किसी तरह की वेशभूषा पहन लें तभ भी इस्लाम खतरे में आ जाता है. हम कुछ खाने को मना कर दें तो भी इस्लाम खतरे में आ जाता है. हर बात पर इस्लाम खतरे में आ जाता है तो हमारे साथ वो अस्पताल में इलाज कैसे करा सकते हैं.
‘अगर दिक्कत है तो फिर अस्पताल में अलग-अलग इलाज कराए’
उन्होंने आगे कहा कि अगर कुछ लोगों को हम हिंदुओं से इतनी दिक्कत है तो अस्पताल में आप लोग अलग इलाज करा लो. जब देश का विभाजन हुआ था तभी ये व्यवस्थाएं अलग हो जानी चाहिए थीं. ये सभी जानते हैं कि आबादी के आधार पर विभाजन नहीं हुआ था. बटवारा धर्म के आधार पर हुआ था. हम लोगों के एक अंग उन लोगों को दे दिया गया जो पाकिस्तान बना. जो लोग इस्लाम को मानने वाले थे वो लोग वहां चले गए.
जो यहां रुके वो ये मान कर रहे कि यहां अब हिंदू सुरक्षित हैं. अब हिंदुओं को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जब इतिहास देखते हैं तो चीजे अलग दिखाई देती हैं. जम्मू-कश्मीर, केरल में कहा जाता है कि आप अपने घर के सामने तुलसी का पौंधा नहीं लगा सकते हैं उनका पूजा नहीं कर सकते हैं तो फिर आपको बुरा तो लगेगा ही.
विधायक बोलीं- मुस्लिम बाहुल्य इलाके में दूसरे धर्म के लोगों का हुआ पलायन
विधायक ने कहा कि क्या जो कश्मीर में हुआ वो दुबारा देश में कहीं ना हो. जहां भी मुसलमान बाहुल्य इलाके हैं मैं दावे के साथ कह सकती हूं वहां से अन्य धर्मों के लोग पलायन कर चुके हैं. कोई भाई चारा नहीं है, कोई गंगा यमुना तहजीब नहीं बहती. क्यों गंगा जमुना तहजीब की बात होती है? क्यों ईद में ही शेवयां खाने की बात होती है, क्यों नहीं सुन्दरकांड में आप प्रसाद बांट सकते हैं और क्यों नहीं वो सुंदरकांड का प्रसाद खा सकते हैं? ये मेरी व्यक्तिगत मत है क्योंकि मैं भी देश की नागरिक हूं. संबिधान ने मुझे भी अधिकार दिया है अपने धर्म के प्रति अपने विरादर के प्रति अपनी बात कह सकती हूं भगवान का शुक्र है भारतीय जनता पार्टी की सरकार दिल्ली में भी है, उत्तर प्रदेश में भी है.
पूछा- संभल में आज तक होली क्यों नहीं मनाने दी गई
उन्होंने पूछा कि आज तक संभल में क्यों होली नहीं मनाने दी गई. क्यों ज्ञानवापी मुंह चिढ़ाती है, क्यों नहीं एक भी मुसलमान आगे आकर कुछ बोलता है. मैं कहती हूं कि जो मेरा है उसे मुझे सौंप दें. इस देश में गंगा जमुना तहजीब है. सारी चीजों को लेकर बस हिन्दुओं से अपेक्षा है. मैं हर उन मुसलमानों के विरोध में हूं जिन्होंने जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक हमारी बहन बेटियों के साथ हिंसा किया. मैं अपने बयान पर अटल हूं.